- 28 फरवरी तक लाखों सैलानी उठाएंगे ‘रण के रंगों’ का लुत्फ, 20 से अधिक गतिविधियां बनेंगे आकर्षण का केंद्र अहमदाबाद (ईएमएस)| गुजरात का पर्यटन उद्योग पिछले 20 वर्षों में खूब फला-फूला है। भौगोलिक विविधता वाले गुजरात में ऐसे अनेक स्थल हैं, जो दुनिया भर के सैलानियों को आकर्षित करते हैं। विशेष रूप से, क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़े और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से उबरने के बाद पटरी पर लौटे कच्छ जिले में स्थित दुनिया के एकमात्र सफेद रण (रेगिस्तान) को देखने के लिए भारी संख्या में पर्यटक उमड़ते हैं। किसी समय जो रण एक बंजर जमीन के रूप में जाना जाता था, उस स्थान पर आज चार महीने तक चलने वाले रण का उत्सव यानी रणोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष रणोत्सव की शुरुआत हो चुकी है, जो 28 फरवरी, 2025 तक चलेगा। कच्छ की कला, रंग-बिरंगी संस्कृति, आतिथ्य, परंपरा और संगीत के बेजोड़ संगम वाले कच्छ रणोत्सव को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है। इसका श्रेय गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। उनके द्वारा 2005 में शुरू किए गए कच्छ रणोत्सव से गुजरात के पर्यटन उद्योग को तो गति मिली ही है, साथ ही यह उत्सव अनेक लोगों के आर्थिक और सामाजिक विकास का एक सशक्त जरिया भी बना है। केवल 3 दिनों का रणोत्सव बना दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला उत्सव गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विनाशक भूकंप के बाद कच्छ की तस्वीर को पूर्ण रूप से बदलने का दृढ़ संकल्प किया और इस भूमि को पुनर्जीवित करने के मिशन को साकार भी किया। इसमें कच्छ के सफेद रण में शुरू हुए रणोत्सव ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने चमचमाते सफेद रण के अंतहीन क्षितिज को देखने के बाद इस स्थान पर दुनिया का सबसे बड़ा और एकमात्र सफेद रण का उत्सव- कच्छ रणोत्सव आयोजित करने का फैसला किया। इस तरह, भुज से 80 किमी की दूरी पर स्थित धोरडो में तीन दिवसीय रणोत्सव की शुरुआत हुई, जो आज 4 महीने तक चलने वाला उत्सव बन चुका है। 2024-25 के रणोत्सव में टिकाऊ पर्यटन पर जोर इस वर्ष रणोत्सव के आयोजन में टिकाऊ पर्यटन (सस्टेनेबल टूरिज्म) पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया है, जैसे कि- प्लास्टिक का न्यूनतम उपयोग, सफेद रण में जाने के लिए बाइसिकल राइड, टेंट सिटी में अपशिष्ट पृथक्करण और निपटान की व्यवस्था आदि। यहां आने वाले पर्यटक रणोत्सव के साथ-साथ कच्छ के अन्य पर्यटन स्थलों की भी यात्रा कर सकें, इसके लिए अलग-अलग टैव्हल आइटनरी (यात्रा कार्यक्रम) भी उपलब्ध होंगी। 2023-24 में रणोत्सव का लुत्फ उठाने पहुंचे थे 7.42 लाख पर्यटक रणोत्सव का मुख्य आकर्षण यहां बसाई गई टेंट सिटी है। इस वर्ष सैलानियों के लिए सफेद रण में 3-स्टार होटल और रिसॉर्ट जैसी सुविधाओं से सुसज्जित 400 टेंट लगाए गए हैं। इस वर्ष 11 नवंबर से टेंट सिटी की शुरुआत हो चुकी है, जो 28 फरवरी तक चलेगी। टेंट सिटी में रहते हुए पर्यटक नमक के सफेद रेगिस्तान के लुभावने सौंदर्य, लोक संस्कृति और परंपरागत व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं। रणोत्सव के दौरान पर्यटकों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा विभिन्न एडवेंचर स्पोर्ट्स एक्टिविटी (साहसिक गतिविधियां) का भी आयोजन किया जाता है। रणोत्सव 2024-25 में एडवेंचर जोन (पैरा मोटरिंग, एटीवी राइड आदि जैसी 20 अलग-अलग साहसिक गतिविधियां), चिल्ड्रन एक्टिविटी विद फन और नॉलेज पार्क (न्यूट्रिशन यानी पोषण की जानकारी देने वाले खेल और गतिविधियां तथा वीआर गेम जोन आदि) का आयोजन किया गया है। उल्लेखनीय है कि दिसंबर, 2023 में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने सफेद रण के वॉच टावर पर लाइट एंड साउंड शो का अनावरण किया था, जिससे यात्रियों के लिए एक नया आकर्षण जुड़ गया। वहीं, इस वर्ष पर्यटन विभाग ने धोलावीरा में भी सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर 44 कमरों वाले रिसॉर्ट का निर्माण किया है, जहां पर्यटकों की भीड़ देखी जा रही है। रणोत्सव की शुरुआत के बाद साल दर साल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो रही है। वर्ष 2023-24 में 852 विदेशी सहित कुल 7.42 पर्यटक रणोत्सव का अनुभव लेने पहुंचे थे। 2023-24 में रणोत्सव के चलते क्राफ्ट स्टॉल धारकों ने कमाए 6.65 करोड़ रुपए रणोत्सव में आने वाले लाखों पर्यटकों के कारण स्थानीय लोग, विशेषकर हस्तकला क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत विकसित हुआ है। रणोत्सव से रोगन कला, ओरीभरत (आरी कढ़ाई), मीना काम, अजरख ब्लॉक प्रिंट, बांधनी, जरदोशी कला और काष्ठ कला आदि में पारंगत कारीगरों को रोजगार तो मिलता ही है, साथ ही कच्छी हस्तशिल्प के कलाकारों को अपनी कलाकृतियों की बिक्री के लिए एक वैश्विक बाजार भी उपलब्ध होता है। स्थानीय कारीगरों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से टेंट सिटी में हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट के लाइव डेमो के साथ दुकानों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, रणोत्सव में प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया है, जहां स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान किया जाएगा। 2023-24 के रणोत्सव में लगभग 2 लाख लोग क्राफ्ट और फूड स्टॉल पहुंचे थे, जिससे क्राफ्ट स्टॉल धारकों को अनुमानित 6.65 करोड़ रुपए और फूड स्टॉल धारकों को अनुमानित 1.36 करोड़ रुपए की आय हुई थी। इस वर्ष क्राफ्ट और फूड स्टॉल की शुरुआत 1 दिसंबर, 2024 से होगी। वैश्विक फलक पर चमका सरहदी जिला कच्छ धोरडो टेंट सिटी में प्रतिवर्ष अलग-अलग थीम पर रणोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष ‘रण के रंग’ नामक थीम पर रणोत्सव का आयोजन किया गया है। क्या दिन और क्या रात, चमकते रण का अद्भुत नजारा देख पर्यटक अचरज में पड़ जाते हैं। बता दें कि धोरडो गांव को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के पुरस्कार से नवाजा गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन से पिछले दो दशकों में सरहदी जिला कच्छ पर्यटन के क्षेत्र में विश्व फलक पर पहुंच गया है और यहां का रणोत्सव पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन गया है। सतीश/14 नवंबर