राष्ट्रीय
27-Apr-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। गर्मी और बरसात का मौसम आते ही डेंगू, मलेरिया और टायफाइड का प्रकोप चरम पर होता है। अस्पतालों में इनके केस ज्यादा आने लगते हैं। ये तीनों बीमारियाँ दिखने में भले ही एक जैसी हों, लेकिन हर बीमारी का असर शरीर पर अलग होता है। खासतौर पर जब बात हो कमजोरी की, तब समझना जरूरी हो जाता है कि किस बीमारी में शरीर सबसे ज्यादा कमजोर हो जाता है और रिकवरी में कितना समय लगता है। डेंगू एडीज एजिप्टी मच्छरों के काटने से फैलने वाला वायरल बुखार है। इसका सबसे बड़ा असर प्लेटलेट्स में गिरावट है। जब प्लेटलेट्स गिरते हैं, तब शरीर की ताकत भी छिन जाती है। इसमें शरीर में अचानक बहुत तेज बुखार आता है, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और शरीर पूरी तरह थक जाता है। डेंगू में प्लेटलेट्स गिरने की वजह से खून पतला हो जाता है और शरीर को बहुत थकावट महसूस होती है। रिकवरी भी 2 से 4 हफ्ते तक का समय लग सकता है। वहीं मलेरिया भी मच्छर के काटने से होता है, लेकिन इसमें बुखार अचानक ठंडी कंपकंपी के साथ आता है। यह बीमारी बार-बार बुखार और पसीने की वजह से शरीर को अंदर से कमजोर कर देती है। इस बीमारी में शरीर में बार-बार तापमान बदलता है, जिससे एनर्जी ड्रेन होती है, लेकिन मलेरिया की कमजोरी अक्सर 7-10 दिन में ठीक होने लगती है। टायफाइड दूषित पानी या खाना खाने से होता है। इसका असर धीरे-धीरे होता है, लेकिन कमजोरी अंदर से आती है। बीमारी में भूख नहीं लगती, शरीर भारी लगता है और नींद भी पूरी नहीं होती है। टायफाइड शरीर की पाचन शक्ति और इम्यून सिस्टम दोनों को कमजोर करता है। आशीष/ईएमएस 27 अप्रैल 2025