नई दिल्ली(ईएमएस)। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे पर टोल वसूलने वाली एजेंसियों की छुट्टी करने की तैयारी कर रहा है। मौजूदा समय देशभर में टोल वसूली का काम टोल एजेंसियां करती हैं। ये एजेंसियां स्थानीय स्तर पर कर्मचारियों को हायर कर लेती हैं और टोल वसूल करती हैं। टोल का शुल्क एनएचएआई और एक्सप्रेसवे निर्माण कंपनी को देगी,जो शर्तों में तय होता है। मंत्रालय इस मॉडल पर बड़ा बदलाव करने जा रहा है। सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार देश में टोल बैरियर खत्म किए जाएंगे। इससे वाहन चालकों का समय बचेगा। हालांकि पहले जीपीएस आधारित तकनीक से टोल वसूलने की तेयारी थी लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। बगैर रुके टोल वसूलने के लिए एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनिशन) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस संबंध में बैंकों के साथ मीटिंग भी हो चुकी है और बैंक इस काम के लिए तैयार भी हो गए हैं। मंत्रालय इस मंथन में जुटा है कि टोल वसूली का बैंकों का मॉडल क्या होगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसर देश के 1.5 लाख किलोमीटर लंबे नेशनल हाइवे और एक्सप्रेसवे नेटवर्क में से करीब 45,000 किलोमीटर पर टोल वसूला जा रहा है। देशभर में 1063 टोल प्लाजा हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार टोल वसूली का काम बैंकों को सौंपने का काम किए जाने की तैयारी है। इसके लिए कई सरकारी बैंकों के साथ मीटिंग हो चुकी है। बैंक एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनिशन) से टोल वसूली के लिए तैयार हो चुके हैं। टोल का चार्ज बैंकों के पास जाएगा। इसके बाद वे एनएचएआई को सौंपेगे। इसके बदले बैंक हाई क्वालिटी के कैमरे खरीदने से लेकर उन्हें इंस्टाल कराने का काम करेंगे। मंत्रालय के अनुसार अभी इस पर मंथन किया जा रहा है कि कि बैंक कितने दिन तक पैसा अपने पास रखेंगे। संभावना है कि जल्द ही इसका मॉडल भी फाइनल हो जाएगा। वीरेंद्र/ईएमएस 29 अप्रैल 2025