-कोर्ट के आदेश के सालो बाद भी बस्तियों को नहीं मिला पीने के लिये साफ पानी -कहीं पाईप लाइन नाले-नॉलियो में तो कही दुषित पानी की मिली शिकायतें -कई घरो में कनेक्शन ही नहीं भोपाल(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट के 30 अगस्त 2018 के आदेश के परिपालन संबध में यूनियन कार्बाइड के आस पास की 42 प्रदूषित मोहल्लों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निगरानी समिति के आदेश पर भोपाल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुनित अग्रवाल की अध्यक्ष्ता में शुक्रवार को 19 मोहल्लों का निरीक्षण किया गया था। मंगलवार को समिति के सदस्यों की टीम ने बाकी बचे मोहल्लों का निरीक्षण कराया जिसकी शुरुआती DIG बंगले से की गई। भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एन्ड एक्शन की रचना ढिंगरा ने जानकारी देते हुए बताया की मंगलवार को किये गये निरिक्षण के दौरान गैस पीड़ित संगठन के सदस्य समिति के लोगो को उन सभी मोहल्लों में लेकर गए जहां पर सालो बाद आज भी लोगो के पास पीने के लिये साफ़ पानी के कनेक्शन नहीं है, वहीं सीवेज सिस्टम ना होने से रहवासी गंदा और बदबूदार पानी का सेवन कर रहे है। इस दौरान कबाड़खाने, सुन्दर नगर, शाहीन कालोनी, एकता नगर के रहवासियों ने बताया की उनके मोहल्ले में पानी का प्रेशर नहीं है, पहले 15 मिनिट सिर्फ गंदा पानी आता है। मो जफ़र ने बताया कि पानी के कनेक्शन नालियों के पास से किये गये है, जिससे दुषित पानी आता है। टिम्बर मार्केट के रहवासी जितेंद्र ने अपने घर में पानी दिखाया जो काफी गंदा था, और बाल्टी की नीचे काई जमी हुई थी, यह पानी अधिकारियों के सामने ही भरा गया। रामकली ने अपने मोहल्ले का पानी का वॉल्व दिखाया जो नाले में था। वहीं राम नगर की रहवासी सुमन ने बताया की उनके यहां बिलकुल भी पानी नहीं आता। नवजीवन कालोनी की रहवासी रानी ने टीम को बताया कि उनकी पानी की लाइन नाली में से है, जिसकी वजह से उनके घर जो पानी आता है, वो पीने लायक है ही नहीं। रिसालदार की अनवरी बी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी उनके आस-पास के कई घरों में भी कोई पानी का कनेक्शन नहीं दिया गया है, और वह जहरीला पानी पीने को मजबूर है। कार्बाइड कारखाने से सटे अटल अयूब नगर के रहवासी विजय ने अपने घर के पीछे का नाला दिखाया जहां से पीने की पाइपलाइन डाली गई है, और वहां का पानी भी पीने लायक नहीं है । नवाब कालोनी की निशा ने बताया कि उनके पूरे मोहल्ले की पीने की पाइप लाइन फुट चुकी है, और सारा सीवेज का पानी उसमे मिलता है, और नगर निगम का कहना हैं, की यहाँ के इलाके का टेंडर लगा हुआ है, और जल्द ही पाइप लाइन बदली जाएगी। छोला मंदिर, शंकर नगर राजगढ़, प्रीत नगर, जे पी नगर, करीम बक्श, रिसालदार का भी यही हाल था। हालांकि चन्दन नगर, प्रताप नगर और लक्ष्मी नगर में अधिक समस्या नहीं पाई गई। आज भी निरिक्षण में नगर निगम के एई,ईई और सुपेर्विसेर शामिल हुए, गैस राहत से संयुक्त डायरेक्टर डॉक्टर बजाज, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से डॉक्टर पवार और डॉक्टर मिश्रा, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, भोपाल ग्रुप फॉर इन्फोर्मशन एन्ड एक्शन से रचना ढिंगरा और रीना किरार, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा से नसरीन बी, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा से बालकृष्ण नामदेव शामिल हुए। समिति अपनी रिपोर्ट मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन जस्टिस संजीव सचदेवा को देगी। समिति के सदस्य भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एंड एक्शन भी अपनी विस्तृत रिपोर्ट समिति के अध्यक्ष को सौप चुके है। जुनेद / 29 अप्रैल