06-May-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। ताजा शोध में खुलासा हुआ है कि अधेड़ उम्र में शरीर में कुछ खास प्रकार की स्टेम कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं, जो पेट की चर्बी को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होती हैं। अमेरिका स्थित सिटी ऑफ होप संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध का नेतृत्व कर रहीं प्रोफेसर किओंग वांग के अनुसार, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर मांसपेशियों को खोने लगता है और उनकी जगह चर्बी लेने लगती है। हालांकि शरीर का कुल वजन ज्यादा नहीं बढ़ता, लेकिन पेट के आसपास चर्बी तेजी से जमा होने लगती है। यह बदलाव मांसपेशियों के स्थान पर वसा कोशिकाओं के सक्रिय होने के कारण होता है। शोध में खास तौर पर व्हाइट एडिपोज टिशू यानी श्वेत वसा ऊतक पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो उम्र बढ़ने के साथ चर्बी बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि इस ऊतक में मौजूद एडिपोसाइट प्रोजेनिटर कोशिकाएं (एपीसीएस) नामक स्टेम सेल्स उम्र के साथ इतनी सक्रिय हो जाती हैं कि वे लगातार नई वसा कोशिकाएं बनाना शुरू कर देती हैं। जब इन कोशिकाओं को बूढ़े चूहों से निकालकर युवा चूहों में ट्रांसप्लांट किया गया, तो उन्होंने तेजी से वसा कोशिकाएं बनाईं। वहीं जब युवा चूहों की एपीसीएस को बूढ़े चूहों में ट्रांसप्लांट किया गया, तो वसा कोशिकाओं का निर्माण उतना नहीं हुआ। इससे स्पष्ट होता है कि उम्रदराज शरीर में मौजूद स्टेम सेल्स खुद ही अधिक सक्रिय होकर पेट की चर्बी को बढ़ाते हैं। इस खोज से यह उम्मीद जगी है कि भविष्य में इन विशेष स्टेम कोशिकाओं को नियंत्रित करके अधेड़ उम्र में बढ़ती पेट की चर्बी पर काबू पाया जा सकता है। हालांकि इसके लिए अभी और रिसर्च की आवश्यकता है। मालूम हो कि अक्सर देखा गया है कि बचपन और युवावस्था में दुबला-पतला दिखने वाला व्यक्ति 30 से 35 की उम्र पार करते ही अचानक पेट के आसपास चर्बी से भर जाता है, जिससे उसकी काया भद्दी दिखने लगती है। यह समस्या भारत समेत दुनियाभर में बेहद आम है। आमतौर पर इसके लिए लोग अनहेल्दी लाइफस्टाइल और कम शारीरिक गतिविधियों को दोषी मानते हैं, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने इसके पीछे एक और अहम वजह का पता लगाया है। सुदामा/ईएमएस 06 मई 2025