व्यापार
10-May-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) को लेकर तीन सालों से अधिक समय तक चली विस्तृत वार्ता पूरी हुई है। हाल ही में अधिकारिक तौर पर भारत और यूनाइटेड किंगडम ने एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते से साल 2040 तक दोनों देशों के बीच कुल एनुअल ट्रेड में 25.5 बिलियन पाउंड की वृद्धि होने का अनुमान है। यह 2024 में दोनों भागीदारों के बीच आदान-प्रदान किए जाने वाले मौजूदा 42.6 बिलियन पाउंड के सामान और सेवाओं पर आधारित है। एफटीए भारतीय एक्सपोर्ट को एक बड़ा बढ़ावा देता है, क्योंकि यूके भारत से आने वाले 99प्रतिशत सामानों पर टैरिफ हटा देगा। आयात शुल्क हटाने से गारमेंट्स, मरीन फू़ड, लेदर प्रोडक्ट और ऑटो कंपोनेंट जैसे सेक्टर को सीधा लाभ मिलेगा। भारत के टैक्सटाइल और मैन्युफैक्चरिंग के लिए यह ब्रिटिश बाजार में अधिक कॉम्पटेटिव खेल का मैदान तैयार करता है। इस बीच, भारत ने यूके के 90प्रतिशत निर्यात पर शुल्क कम करने पर सहमति व्यक्त की है, जो प्रमुख सेक्ट्र में क्रमिक लेकिन महत्वपूर्ण रियायतें प्रदान करता है। स्कॉच व्हिस्की पर मौजूदा 150प्रतिशत आयात कर को दस साल की अवधि में घटाकर 40प्रतिशत कर दिया जाएगा। ब्रिटिश निर्मित कारें, जिन पर वर्तमान में 100प्रतिशत से अधिक शुल्क लगता है, अब सिर्फ 10प्रतिशत कर लगाया जाएगा। इससे भारत में हाई कैटेगरी के व्हीकल अधिक सुलभ हो जाएंगे। इस प्रकार जगुआर लैंड रोवर, बेंटले, बीएमडब्ल्यू ग्रुप की मिनी, रोल्स-रॉयस और एस्टन मार्टिन जैसे ब्रांड जो देश में पूर्ण आयात के रूप में लाए जाते हैं, उनकी कीमतों में महत्वपूर्ण कटौती हो सकती है। यह समझौता व्यावसायिक गतिशीलता में भी सुधार करता है, मौजूदा इमिग्रेशन पॉलिसी को समायोजित किए बिना प्रॉफेशनल्स के लिए यात्रा प्रक्रियाओं को आसान बनाता है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के प्रधान मंत्री कीर स्टारमर दोनों ने इस सौदे की सराहना करते हुए इसे दोनों देशों के बीच लगातार विकसित हो रहे संबंधों में एक निर्णायक कदम बताया। सुदामा/ईएमएस 10 मई 2025