अंतर्राष्ट्रीय
10-May-2025
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-बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य सेवाएं, परिवहन और वित्तीय तंत्र हो जाएगा ध्वस्त वाशिंगटन (ईएमएस)। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। पहलगाम हमले के बदला लेने भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तानी क्षेत्र में आतंकवादी ठिकानों पर हमला कर तबाह कर दिया था। वहीं पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने इस हमले को ‘युद्ध की कार्रवाई’ करार देते हुए चेतावनी दी है। इससे परमाणु हथियार संपन्न दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका गहरा गई है। भारत की परमाणु नीति पहले इस्तेमाल नहीं करने की है यानी भारत तब तक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा जब तक उस पर पहले परमाणु हमला न हो। इसके उलट पाकिस्तान सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बात करता रहा है, ताकि पारंपरिक युद्ध में भारत की बढ़त को रोका जा सके। मीडिया रिपोर्ट में अमेरिका के थिंक टैंक ‘आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन’ के मुताबिक भारत के पास करीब 172 और पाकिस्तान के पास 170 से 200 के बीच परमाणु हथियार हैं। यदि दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध हुआ तो इसके परिणाम बहुत ही खतरनाक होंगे। अनुमान है कि पांच से साढ़े बारह करोड़ लोगों की तत्काल मौत हो सकती है, जबकि कई शहर पूरी तरह से नष्ट हो जाएंगे। बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य सेवाएं, परिवहन और वित्तीय तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगा। परमाणु विस्फोट से पैदा होने वाला धुआं और आग का असर सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह पूरी धरती की जलवायु को प्रभावित करेगा। सूर्य की रोशनी तक रुक जाएगी, जिससे वैश्विक स्तर पर तापमान में गिरावट और कृषि व्यवस्था चरमरा सकती है। अरबों लोगों को अकाल का सामना करना पड़ सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन हालात से उबरने में दशकों लग सकते हैं। भारत और पाकिस्तान ने 1991 में ‘गैर-परमाणु आक्रमण समझौता’ किया था, जिसके तहत वे एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं करेंगे, लेकिन वर्तमान तनावपूर्ण हालात इस समझौते की स्थायित्व पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहे हैं। ऐसे में परमाणु संयम और कूटनीतिक समाधान की जरुरत पहले से कहीं ज्यादा महसूस की जा रही है। रिपोर्ट में फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के मुताबिक दुनिया भर में केवल नौ देशों के पास परमाणु हथियार हैं। उनके पास 2025 की शुरुआत तक अनुमानित 12,331 हथियार हैं। इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, उत्तर कोरिया, भारत, पाकिस्तान और इजराइल के पास परमाणु हथियार हैं। एफएएस ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के पास विश्व के कुल परमाणु हथियारों का करीब 88 फीसदी और सेना द्वारा इस्तेमाल के लिए 84 फीसदी हथियार हैं। एफएएस का कहना है कि अमेरिका अपने परमाणु भंडार को कम कर रहा है, जबकि फ्रांस और इजराइल के पास अपेक्षाकृत स्थिर भंडार है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि चीन, भारत, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान और ब्रिटेन और संभवतः रूस भी अपने भंडार में वृद्धि कर रहे हैं। सिराज/ईएमएस 10 मई 2025