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13-May-2025
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बीजिंग (ईएमएस)। चीन ने एक ऐसा चौंकाने वाला दावा किया है, जो वैश्विक सुरक्षा संतुलन को प्रभावित कर सकता है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स के रिसर्चर्स ने एकेडमिक जर्नल में दावा किया है कि उन्होंने ऐसी हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक विकसित कर ली है, जो केवल 30 मिनट में धरती पर किसी भी लक्ष्य को भेद सकती है। चीन का कहना है कि ये मिसाइलें अंतरिक्ष से भी लॉन्च की जा सकती हैं और इनमें री-एंट्री ग्लाइड व्हीकल्स लगे होते हैं, जो उन्हें तीव्र और अप्रत्याशित युद्धाभ्यास में सक्षम बनाते हैं। शोध में यह भी उल्लेख किया गया है कि अंतरिक्ष आधारित यह प्रणाली मौजूदा प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों से कहीं आगे है। हालांकि फिलहाल इसमें इन्फ्रारेड डिटेक्शन और गतिशीलता जैसी कुछ तकनीकी सीमाएं हैं, जिन पर कार्य जारी है। इस शोध में बताया गया है कि यह नई हाइपरसोनिक मिसाइल 20 मैक यानी करीब 13,000 मील प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकती है। इतनी तेज गति से यह मिसाइल दुश्मन की सीमा में घुसने से पहले ही हमला कर सकती है, जिससे पारंपरिक रक्षा प्रणालियां निष्क्रिय साबित हो सकती हैं। चीन का कहना है कि इन हथियारों को उपग्रहों, भूमि या अन्य प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे यह प्रणाली सैन्य दृष्टि से अधिक लचीली और उपयोगी बन जाती है। उधर, अमेरिका और ब्रिटेन भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। दोनों देशों ने मिलकर अब तक 233 हाइपरसोनिक प्रोपल्शन टेस्ट पूरे कर लिए हैं। ब्रिटेन अपने टीम हाइपरसोनिक्स कार्यक्रम के तहत 2030 तक एक ज्वाइंट हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल डेमोंस्ट्रेटर बनाने की दिशा में काम कर रहा है। चीन के पास अत्याधुनिक एम्फीबियस एयरक्राफ्ट एजी 600 भी है, जो जमीन और पानी दोनों जगह टेक ऑफ और लैंड कर सकता है। यह एयरक्राफ्ट 4500 किलोमीटर तक उड़ान भरने और 50 लोगों को 12 घंटे तक हवा में रखने की क्षमता रखता है। वीरेंद्र/ईएमएस/13मई 2025