अधिवक्ता संघ ने एसपी को सौंपा ज्ञापन जबलपुर, (ईएमएस)। सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय द्वारा 21 अप्रैल 2025 को एक पत्र जारी किया है जिसमें निर्देश दिए हैं कि किसी भी आपराधिक प्रकरण में जमानत आवेदन उच्च न्यायालय या जिला सत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा तो अधिवक्ता को अपने पक्षकार के पूर्व अपराधिक प्रकरणों की जानकारी सूची सहित आवेदन के साथ देनी होगी। यह आदेश का पालन 1 मई से शुरू हो गया हैं। अधिवक्ता संघ के सचिव एडवोकेट ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने दिए गए ज्ञापन में कहा है कि आपराधिक मामले की जानकारी थाने में होती है चूंकि पक्षकार गिरफ्तार होकर जेल जाने पर उससे अन्य प्रकरण की जानकारी नहीं मिल पाती साथ ही संबंधित थाने से जानकारी मांगने पर भी थाने द्वारा भी नहीं दी जाती जिससे अधिवक्ताओं को परेशानी हो रही हैं। अतः अधिवक्ता संघ द्वारा पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय से मांग की गई अधिवक्ताओं द्वारा किसी पक्षकार के प्रकरणों की जानकारी मांगी जाए तो उन्हें उपलब्ध कराए यह व्यवस्था थाने द्वारा या पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी की जाए इस संबंध में समस्त थानों में निर्देश जारी किए जाए। इस अवसर पर अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष मनोज तिवारी,सहसचिव मनोज शिवहरे, तरूण कुमार रोहितास,शैलेंद्र यादव ,दुर्गेश मनाना,मनोज तिवारी,रवि दत्त अनुभव शर्मा,प्रतीक रघुवंशी,अरविंद यादव,विवेक पटेरिया,यश दुबे,अंकुश चौधरी आदि उपस्थित थे । सुनील साहू / मोनिका / 13 मई 2025/ 06.30