नई दिल्ली (ईएमएम)। पिछले दिनों भारत का आतंकवाद के खिलाफ हर किसी ने सख्त रुख को देखा, जिसमें उसने पाकिस्तान को सीधे-सीधे में समझा दिया है कि अगर वो उसके नागरिकों को आतंकी गतिविधियों से तंग करेगा तो उसको जवाब उसी की भाषा में मिलेगा। भारत की पॉलिसी दोस्तों के साथ दोस्ती और दुश्मनों के साथ दुश्मनी की है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसी दौरान भारत अपने एक पड़ोसी पर पैसों की बारिश की है। वहीं भारत ने अपने नेबरहुड फर्स्ट की विदेश नीति को दिखाते हुए पड़ोसी देश मालदीव को आर्थिक सहायता दी है। भारत ने मालदीव को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानि लगभग 420 करोड़ रुपये के ट्रेजरी बिल को रोलओवर किया है। इसके ज़रिये मालदीव को आर्थिक संकट से उबरने में मदद मिलेगी। मालदीव के कहने पर भारतीय स्टेट बैंक ने मालदीव के वित्त मंत्रालय की ओर से जारी 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल को एक साल के लिए रोलओवर किया है। इस जानकारी को वहां के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने एक्स अकाउंट से शेयर करके भारत का शुक्रिया अदा किया है। पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ की गई भारत की कार्रवाई को तो सबने देखा। शायद ही किसी को ये पता होगा कि इसी दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय अपने पड़ोसी मुस्लिम देश को क्या सौगात दे रहा था। भिखारी हो चुका पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानि आईएमएफ से 1 बिलियन डॉलर का कर्ज़ा पाकर खुशी मना रहा है, वहीं भारत अपने पड़ोसी मुस्लिम देश को वित्तीय सहायता दे रहा है। दोनों देशों की नीतियों के बीच फर्क यही है। भारत की ओर से भी मालदीव के उच्चायोग ने आधिकारिक बयान दिया है। इसमें कहा गया है कि ‘मालदीव सरकार के अनुरोध पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने वित्त मंत्रालय से जारी 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सरकारी ट्रेजरी बिल को बिना ब्याज के एक साल के लिए सब्सक्राइब किया गया है।’ आगे कहा गया है कि मालदीव भारत का एक प्रमुख पड़ोसी है। ये नेबरहुड फर्स्ट की नीति और महासागरीय दृष्टिकोण से हमारा मुख्य भागीदार भी है। इससे पहले मालदीव को भारत ने आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने का भी वादा किया था। जिस वक्त में दक्षिण एशिया में पाकिस्तान से भारत के रिश्तों में तनाव है, उसमें मालदीव से करीबी अहम मानी जा रही है। वीरेंद्र/ईएमएस 14 मई 2025