रांची(ईएमएस)।धर्मेस उरांव मेमोरियल फाउंडेशन द्वारा डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में शिक्षाविद सह प्रख्यात मानवशास्त्री प्रो डॉ करमा उरांव की द्वितीय पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस अवसर पर कृषि,पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया।मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने अपने संबोधन में कहा कि स्वर्गीय करमा उरांव हमेशा याद रहेंगे।पहली मुलाकात में उनके द्वारा कही गई बातें उन्हें अच्छी तरह आज भी याद है।स्वर्गीय डॉ करमा उरांव ने कहा था आप लोग झारखंड के भविष्य है।उन्होंने बड़े ही स्नेह पूर्वक अपने आवास पर मुझे आने को कहा था पर अफसोस की कुछ दिनों बाद ही वो हम सभी को छोड़ कर सदा के लिए चले गए।उनसे नहीं मिल पाने का मलाल ताउम्र रहेगा। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि समाज में उनका योगदान महान था।कम संसाधन में अपने मुकाम को कैसे हासिल किया जा सकता है इसके वो उदाहरण थे।प्रोफेसर होने के बावजूद सामाजिक मुद्दों पर हमेशा मुखर रहे।बहुत कम लोग पद पर रहते हुए बोलने की हिम्मत जुटा पाते है,पर वो निजी स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि समाज के लिए हमेशा बोलते और लड़ते रहे।श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने उनके बाल काल से लेकर उनके संघर्ष को मंच से साझा किया। बंधु तिर्की ने कहा कि स्वर्गीय करमा उरांव ने जमीन से जुड़ कर काम किया।उन्होंने समाज को हमेशा आगे रखा और परिवार को पीछे रखा। डॉ करमा समाज के लोगों और खास कर युवाओं को सीख लेने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि समाज के लिए जीने वाले ऐसे आदिवासी महापुरुषों के लिए किताब लिखा जाना चाहिए।ताकि समाज को करमा उरांव जैसे व्यक्तित्व के बारे में जानकारी मिल सके। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रो हरि उरांव,अभय मिंज, प्रो महादेव टोप्पो,रेंजी डुंगडुंग,प्रो रविंद्र भगत, शांति उरांव सहित समाज के बुद्धिजीवी लोग शामिल हुए। कर्मवीर सिंह/14मई/25