क्षेत्रीय
15-May-2025


नगर निगम सहित निजी एजेंसियां नहीं दिखा रही रूचि, तीन करोड़ की लगात से बन सकता है स्टेशन छिंदवाड़ा (ईएमएस)। शहर धीरे धीरे आधुनिकता की ओर तो बढ़ रहा है लेकिन अब भी कई ऐसी कमिया है जोकि छिंदवाड़ा शहर को अन्य शहरों से पीछे कर रही है। इसमें सबसे बड़ी समस्या इलेक्ट्रिक वाहनों का चार्जिंग स्टेशन ना हो पाना है। जिसकी वजह से शहर में इलेक्ट्रिक बसों का आवागमन नहीं हो पा रहा है। इससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अगर नगर निगम इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का निर्माण करता है तो अन्य शहरों की तरह हमारे शहर में भी इलेक्ट्रिक बसों का आवागमन शुरू हो जाएगा। जिससे यात्रियों को भोपाल, जबलपुर सहित अन्य राज्यों में जाने के लिए बस, टे्रन के साथ-साथ इलेक्ट्रिक बसों का भी विकल्प मिल जाएगा। नगर निगम या फिर कोई निजी एजेंसी अगर ई-चार्जिंग स्टेशन की स्थापना कर दें तो वाहन उद्योग में नई क्रांति आ जाएगी। धीरे-धीरे बस मालिक भी ई-बसों की खरीदी की तरफ आगे बढ़ेंगे। उनकी हर किमी यात्रा की लागत भी घटेगी। इसके साथ ही यात्रियों को किराया भी सस्ता देना पड़ेगा। मेंटनेंस की लागत भी कम होगी। ३ करोड़ तक का आ सकता है खर्च एक अनुमान के अनुसार इस चार्जिंग स्टेशन के निर्माण में करीब 3 करोड़ रुपए का खर्च आना संभावित है, जिसे न तो सरकारी एजेंसी वहन करने तैयार हैं और ना ही निजी एजेंसियां आगे आ रही है। इससे ई-चार्जिंग स्टेशन का निर्माण लटका हुआ है। आर्थिक तंगी से जूझने की वजह से नगर निगम भी इस ओर कोई खासा ध्यान नहीं दे रहा है। अगर नगर निगम इस ओर गंभीरता से ध्यान दे तो हमारा शहर आधुनिकता की ओर एक कदम और बढ़ जाएगा। घरों में चार्ज हो रहे वाहन इस समय शहर समेत आसपास के इलाकों में करीब 250-500 ई-ऑटो सडक़ों पर संचालित हो रहे हैं। ये भी घरेलू बिजली पर आश्रित है। इसी तरह एक हजार ईवाहन दुपहिया है, जिनकी मजबूरी भी घरेलू चार्जिंंग पर टिकी है। बताते हैं कि नागपुर,भोपाल और इंदौर समेत अन्य इलाकों में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू हो गया है। वहां से बसें यात्रियों को लेकर आए तो उन्हें पुन ई-चार्जिंग के लिए स्टेशन नहीं मिल पाएगा। इससे ये बसें यहां नहीं आ पा रही है। देखा जाए तो ई-बसों का खर्चा डीजल से संचालित बसों की तुलना में बहुत है। इससे पर्यावरण भी सुरक्षित है। फिर भी इस दिशा में पहल नहीं हो पा रही है। आवेदन करने पर लगाया जाएगा ट्रांसफार्मर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति ई-चार्जिंंग स्टेशन के लिए आवेदन करता है तो उसे बिजली कंपनी ट्रांसफार्मर लगाकर देती है। कनेक्शन का चार्ज के साथ इसकी बिजली खपत का अलग टैरिफ प्लान है। इससे कंपनी और सेवा प्रदाता दोनों लाभ में रहेंगे। ईएमएस/मोहने/ 15 मई 2025