-इंडोनेशिया ने इन्हें भारत को सौंपकर आतंक से लड़ाई में साथ देने का वादा निभाया नई दिल्ली,(ईएमएस)। बीते सप्ताह इस्लामिक स्टेट के दो आतंकियों अब्दुल्ला फयाज और ताल्हा खान को एनआईए ने मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। इन्हें अचानक गिरफ्तार नहीं किया गया है बल्कि इंडोनेशिया से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया है। मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि यह दोनों महाराष्ट्र से ही इस्लामिक स्टेट के स्लीपर सेल के तौर पर सक्रिय थे और फिर इंडोनेशिया चले गए थे। इंडोनेशिया ने इन्हें भारत को सौंप कर आतंकवाद से लड़ाई में साथ देने का वादा निभाया है। इंडोनेशिया की ओर से यह बड़ी मदद ऐसे समय में की गई है, जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत का पाकिस्तान के साथ तनाव चल रहा है। यही नहीं कुछ दिनों तक तो युद्ध जैसे हालात थे। पहलगाम आतंकी हमले की भी इंडोनेशिया ने निंदा की थी और आतंक से निपटने में भारत के साथ खड़े होने की बात कही थी। इंडोनेशिया ने उसी वादे पर अमल करते हुए दो आतंकवादी सौंपे हैं। उसने इस्लामिक सहयोग संगठन में भी भारत का पक्ष रखा था। बता दें कि इंडोनेशिया के साथ भारत के पुराने रिश्ते हैं। इसके अलावा सांस्कृतिक तौर पर भी इंडोनेशिया खुद को भारतीय संस्कृति का अनुयायी बताता है। इसी साल जनवरी में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो गणतंत्र दिवस परेड में मेहमान के तौर पर आए थे। उनका भारत के बाद पाकिस्तान जाने का भी प्लान था। इस पर भारत ने ऐतराज जताया तो उन्होंने पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया था। फिर वह तय कार्यक्रम से भी ज्यादा समय तक रुके रहे। इससे पता चलता है कि इंडोनेशिया के साथ भारत के संबंधों की क्या गहराई है। माना जा रहा है कि इन दो आतंकियों के प्रत्यर्पण के पीछे भारत सरकार के कूटनीतिक प्रयासों की सफलता है। सिराज/ईएमएस 19मई25