अहमदाबाद (ईएमएस)| दाहोद जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीए-मनरेगा) योजना के तहत भ्रष्टाचार मामले को लेकर एक अहम खबर सामने आई है। राज्य के एक पूर्व मंत्री बचू खाबड़ के दूसरे बेटे किरण खाबड़ को भी पुलिस ने मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार के मामले में अब गिरफ्तार कर लिया है| इससे पहले बचू खाबड़ के बेटे बलवंत खाबड़ को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है| जानकारी के मुताबिक दाहोद जिले के देवगढ़बारिया और धानपुर तहसीलों में मनरेगा योजना के तहत गांवों में सड़क, मिट्टी और धातु के काम इत्यादि के अधूरे कार्यों को पूरा बता कर 71 करोड़ रुपये के बिल पास करवा लिए गए थे| इतना ही नहीं कुछ स्थानों पर तो बिना काम किए ही बिल पास किए जाने की चौंकाने वाली जानकारी सामने आने के बाद डीईडी ने 35 एजेंसियों के साथ-साथ जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ दाहोद बी डिवीजन पुलिस स्टेशन में पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी| दो सहायक लेखाकारों सहित पांच कर्मचारियों की प्रारंभिक गिरफ्तारी के बाद पुलिस जांच लंबी चली। दूसरी ओर विपक्षी दल ने कड़ा विरोध दर्ज कराया और मंत्री बच्चू खाबड़ के बेटों किरण खाबड़ और बलवंत खाबड़ की गिरफ्तारी की मांग की। उधर पुलिस जांच में पता चला कि बलवंत खाबड़ के नाम से श्री राज कंस्ट्रक्शन कंपनी में भी लाखों रुपये जमा हुए हैं। पुलिस ने तत्कालीन टीडीओ दर्शन पटेल और बलवंत खाबड़ को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें पांच दिन की रिमांड पर लिया गया। मंत्री का बेटा बलवंत खाबड़ फिलहाल रिमांड पर हैं, वहीं पुलिस ने अब दूसरे बेटे किरण खाबड़, धानपुर तहसील पंचायत के तत्कालीन टीडीओ रसिक राठवा, धानपुर के एपीओ भावेश राठौड़ और देवगढ़बरिया के एपीओ दिलीप चौहान समेत चार अन्य को भी गिरफ्तार किया है। किरण खाबड़ पर विभिन्न योजनाओं के तहत फर्जी बिलों, फर्जी आदेशों और फर्जी मैपिंग के जरिए 5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के गबन करने का आरोप है। इन आरोपों के समर्थन में कई दस्तावेजी साक्ष्य भी सामने आए हैं, जो जांच एजेंसियों के हाथ लग गए हैं। यह बात सामने आई है कि इस मामले में न केवल राजनीतिक नेताओं के रिश्तेदार बल्कि प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं। पुलिस ने एपीओ दिलीप चौहान और डिप्टी टीडीओ रसिक राठवा को हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा इस घोटाले में 35 से अधिक निर्माण एजेंसियों के नाम भी सामने आए हैं, जिन पर कुल मिलाकर 71 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय नुकसान पहुंचाने का संदेह है। सतीश/19 मई