नई दिल्ली (ईएमएस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नीदरलैंड के द हेग शहर में रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञों के साथ महत्वपूर्ण बातचीत की। इस बातचीत में उन्होंने भारत-नीदरलैंड और भारत-यूरोपीय संघ के संबंधों को बहुध्रुवीयता और रणनीतिक स्वायत्तता के नए युग में और अधिक मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “द हेग में रणनीतिक विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया। बहुध्रुवीयता और रणनीतिक स्वायत्तता के इस युग में भारत और नीदरलैंड-यूरोपीय संघ को और अधिक जुड़ाव बढ़ाना चाहिए।” विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों 19 से 24 मई तक के आधिकारिक विदेश दौरे पर हैं, जिसमें वे नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की यात्रा कर रहे हैं। इस दौरे में वे इन तीनों देशों के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर द्विपक्षीय संबंधों, वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत और नीदरलैंड के बीच 75 वर्षों से अधिक पुराने राजनयिक संबंध हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी मजबूत है और उच्चस्तरीय आपसी आदान-प्रदान ने इस बहुआयामी संबंध को नई दिशा दी है। इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री की जर्मनी यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब फ्रेडरिक मर्ज ने इस महीने की शुरुआत में जर्मनी के नए चांसलर का पदभार संभाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की इच्छा जताई है। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इन तीनों देशों ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई। वहीं डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने इस हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ितों व उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की। भारत और डेनमार्क के बीच संबंध ऐतिहासिक, लोकतांत्रिक मूल्यों और “ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप” पर आधारित हैं, जो दोनों देशों के बीच जलवायु परिवर्तन और हरित विकास को लेकर साझा उद्देश्य को दर्शाते हैं। विदेश मंत्री की यह यात्रा भारत के तीन प्रमुख साझेदार देशों के साथ रणनीतिक, आर्थिक और वैश्विक सहयोग को और सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सुबोध\१८\०५\२०२५