वॉशिंगटन,(ईएमएस)। हमारी आसपास कई तरह के बैक्टीरिया पाए जाते हैं। इनमें से कुछ हमारे लिए अच्छे तो कुछ नुकसान पहुंचाते हैं। चीन के टियांगोंग स्पेस स्टेशन पर वैज्ञानिकों को एक ऐसा बैक्टीरिया मिला है, जो बहुत ही रहस्यमयी है। ये खोज एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। आखिर यह बैक्टीरिया आया कहां से और क्या यह अंतरिक्ष में रहने वालों के लिए खतरा बन सकता है? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के टियांगोंग स्पेस स्टेशन पर मिले इस बैक्टीरिया की खासियत ये है कि इसे जिंदा रहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं चाहिए और ये विपरीत परिस्थितियों में भी सर्वाइव कर लेता है। इस बैक्टीरिया का नाम नोवोहर्बासिलम टियांगोंगेंसिस बताया जा रहा है। चीन के वैज्ञानिकों के मुताबिक यह बैक्टीरिया टियांगोंग पर कैसे पहुंचा, यह अभी भी रहस्य है। ये बैक्टीरिया अंतरिक्ष में कैसे पनपा? क्या यह पृथ्वी से किसी बीजाणु के रूप में वहां गया या फिर अंतरिक्ष स्टेशन के खास माहौल में ही इसका जन्म हुआ है? वैज्ञानिकों के पास अभी इसका जवाब नहीं है। हाल ही में एक शोध के मुताबिक ये नया बैक्टीरिया जेलाटिन को तोड़कर उससे नाइट्रोजन और कार्बन ले सकता है। यही खासियत इसे अनोखा बनाती है। इसकी वजह से ये बैक्टीरिया मुश्किल हालात में भी अपने ऊपर एक मजबूत सुरक्षा कवच बना लेता है। हैरानी की बात यह है कि इस बैक्टीरिया की एक प्रजाति पृथ्वी पर भी मौजूद है, जो कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में सेप्सिस जैसी खतरनाक बीमारी फैला सकता है। पृथ्वी पर मौजूद इसकी प्रजाति वाला बैक्टीरिया दूसरी चीजों को खाकर जिंदा रहता है, लेकिन यह अंतरिक्ष वाला बैक्टीरिया सिर्फ जेलाटिन खाता है। इस नई ताकत और इसके रिश्तेदार की खतरनाक प्रकृति को देखकर वैज्ञानिक चिंता में हैं कि कहीं यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए मुसीबत न बन जाए। टियांगोंग स्पेस स्टेशन पर अंतरिक्ष यात्री सतहों को नियमित रूप से सैनेटाइज़ करते हैं और बैक्टीरिया पर कड़ी नजर रखते हैं। स्टेशन में हवा को साफ करने के लिए खास फिल्टर सिस्टम भी लगे हैं, फिर भी पृथ्वी की तरह अंतरिक्ष में भी बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों को पूरी तरह रोकना मुश्किल है। अब बैक्टीरिया को लेकर सवाल ये है कि क्या ये नई परेशानी खड़ी करेगा या सिर्फ एक अनोखी वैज्ञानिक खोज है। ये धीरे-धीरे ही साफ हो पाएगा। सिराज/ईएमएस 26 मई 2025