ज़रा हटके
29-May-2025
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वॉशिंगटन (ईएमएस)। स्मार्टफोन आज के दौर में हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं और इसलिए फोन को चार्ज करना भी हमारी रोज़मर्रा की आदतों में शामिल हो गया है। बैटरी चार्ज करने को लेकर अधिकतर लोग एक आम गलती करते हैं वे हर बार फोन को 100 प्रतिशत तक चार्ज कर देते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक यह आदत न केवल फोन की बैटरी को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि उसकी उम्र भी घटा सकती है। आजकल के स्मार्टफोन में लिथियम-आयन बैटरियां इस्तेमाल होती हैं। ये बैटरियां इस तरह से डिजाइन की गई हैं कि वे 20 प्रतिशत से 80 प्रतिशत के बीच चार्ज लेवल में सबसे बेहतर काम करती हैं। अगर इन्हें बार-बार 100 प्रतिशत तक चार्ज किया जाए, तो बैटरी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और उसकी क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। इसी तरह, पूरी तरह से डिस्चार्ज होने के बाद फिर से फुल चार्ज करना भी अब एक पुरानी सोच है, जो मौजूदा तकनीक पर लागू नहीं होती। विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार पूरी तरह से बैटरी को खत्म करके चार्ज करना आज की लेटेस्ट बैटरियों के लिए सही नहीं है। इससे बैटरी की परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकती है। इसके बजाय, बैटरी को 20 प्रतिशत तक गिरने पर चार्ज पर लगाना और 80 से 85 प्रतिशत तक पहुंचते ही चार्जर हटा देना बेहतर होता है। इस आदत से बैटरी अधिक समय तक टिकाऊ और हेल्दी बनी रहती है। रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि फोन को रातभर चार्ज करना बैटरी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसा करने से फोन लगातार फुल चार्ज स्थिति में रहता है, जिससे बैटरी की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। हालांकि, अब कई स्मार्टफोन कंपनियां अपने डिवाइस में ऐसे फीचर्स देने लगी हैं, जो बैटरी की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उदाहरण के तौर पर ‘ऑप्टिमाइज्ड चार्जिंग’ फीचर फोन को धीरे-धीरे चार्ज करता है और जरूरत के मुताबिक ही 100 प्रतिशत तक ले जाता है। कई फोन्स में अब यूजर्स खुद भी तय कर सकते हैं कि वे बैटरी को अधिकतम कितने प्रतिशत तक चार्ज करना चाहते हैं। यह विकल्प उन लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है जो बैटरी की लंबी उम्र और परफॉर्मेंस को प्राथमिकता देते हैं। ऐसे में, सही चार्जिंग आदतों को अपनाकर फोन की बैटरी को अधिक समय तक स्वस्थ और टिकाऊ रखा जा सकता है। सुदामा/ईएमएस 29 मई 2025