मुंबई, (ईएमएस)। महाराष्ट्र के गरीब लोगों को सरकार की ओर से राशन कार्ड पर खाद्यान्न दिया जाता है। हालांकि, सरकार ने संज्ञान लिया है कि कई लोग इस खाद्यान्न का गैर लाभ उठा रहे हैं, इसलिए सरकार ने फर्जी राशन कार्ड के खिलाफ कार्रवाई की है। जिन लोगों की आय 59 हजार से अधिक है और जो खाद्यान्न लेने के मापदंड को पूरा नहीं करते हैं, वे भी खाद्यान्न ले रहे हैं। साथ ही उनकी आय अधिक है, लेकिन वे कम आय दिखाकर सरकारी राशन के खाद्यान्न का लाभ उठा रहे हैं। अब सरकार और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग इसके खिलाफ एक्शन मोड में आ गया है। दरअसल यह बात सामने आई है कि कई अमीर लोग, शिक्षक, सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, व्यवसायी, व्यापारी के पास भी येलो या नारंगी रंग के राशन कार्ड हैं। इसलिए ये लोग मुफ्त खाद्यान्न का लाभ उठा रहे हैं। इस खाद्यान्न में उपरोक्त लोग हर महीने गेहूं, ज्वार, चावल, दाल जैसे खाद्यान्न लेते हैं, लेकिन जो वास्तव में जरूरतमंद हैं वे इस खाद्यान्न से वंचित रह जाते हैं। इसलिए सरकार ने अब इसका गलत तरीके से फायदा उठाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अभियान शुरू कर दिया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की प्रमुख सचिव विनीता सिंघल ने जानकारी दी है कि कार्रवाई का यह सिलसिला जारी रहेगा। - ई-केवाईसी न होने पर 18 लाख राशन कार्ड रद्द महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में राशन कार्ड रखने वालों से ई-केवाईसी कराने को कहा था। इसलिए ई-केवाईसी न कराने वाले 18 लाख राशन कार्ड धारकों के राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। जबकि डेढ़ करोड़ से अधिक राशन कार्ड धारकों का ई-केवाईसी लंबित है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने जानकारी दी है कि आधार लिंकिंग के लिए केंद्र सरकार के ई-केवाईसी अभियान में राज्य में 18 लाख राशन कार्ड रद्द किए गए हैं। - बांग्लादेशी नागरिकों को झटका कई बांग्लादेशी नागरिकों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर या पैसे देकर फर्जी राशन कार्ड बनवा लिए हैं। पुलिस हर जिले में उनसे पूछताछ कर रही है और पुलिस ने इसकी जानकारी जिला कलेक्टर को दे दी है। इसलिए ऐसे बांग्लादेशी नागरिकों के फर्जी राशन कार्ड रद्द किए जाएंगे। यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस अभी भी फर्जी राशन कार्ड के खिलाफ अभियान चला रही है और दोषी पाए जाने वालों के राशन कार्ड रद्द किए जाएंगे। स्वेता/संतोष झा- २९ मई/२०२५/ईएमएस