क्षेत्रीय
30-May-2025
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गंभीर हमले को बना दिया मामूली झगड़ा ना (ईएमएस)| सिटी कोतवाली क्षेत्र की हरिजन बस्ती में हुए जानलेवा हमले के पीड़ितों ने शुक्रवार को पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नाराजगी जताई। पट्टियों में लिपटे घायल जब जमीन पर रेंगते हुए एसपी कार्यालय पहुंचे तो वहां मौजूद लोग स्तब्ध रह गए। परिवार के सात सदस्यों ने ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि उन पर कुल्हाड़ी, चाकू, डंडे और ईंटों से हमला किया गया, लेकिन कोतवाली पुलिस ने घटना को मामूली झगड़ा मानते हुए गंभीर धाराएं दर्ज करने से इनकार कर दिया। घायल पीड़ितों में अनीता रजक, गुड्डी बाई, राजा रजक, आकाश रजक, दीपक रजक, पप्पू रजक और कविता रजक शामिल हैं। सभी के सिरों में टांके लगे हैं, जबकि दो के हाथ टूटने की बात भी सामने आई है। बावजूद इसके पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ सिर्फ बीएनएस की धाराओं 296, 115(2), 351(2), 3(5) में प्रकरण दर्ज किया है, जिसे पीड़ित पक्ष ने एक तरह की लीपापोती बताया। पुलिस के सामने दी थी धमकी, फिर भी गंभीरता नहीं समझी अनीता रजक ने बताया कि विवाद की शुरुआत 25 मई की रात को उनके पड़ोसी सोनू रजक व उसके भतीजे द्वारा गाली-गलौच करने से हुई थी। अगले दिन सोनू की पत्नी से बात करते समय विवाद फिर उग्र हो गया। जब वे कोतवाली रिपोर्ट दर्ज कराने जा रहे थे, तभी आरोपियों ने धमकी दी—आधा घंटा रुक जाओ, सबका काम तमाम कर देंगे। इसके बावजूद पुलिस ने सुलह का लिखित पत्र बनवा लिया। चाय पीते वक्त हुआ हमला, परिवार को घेरा और मारपीट की शाम को जब पीड़ित परिवार घर लौटकर आराम कर रहा था, तभी सोनू, संजू, दीपक, रवि, अर्जुन, नितिन, कल्ली, रचना सहित करीब 6-7 अज्ञात लोगों ने घर को चारों ओर से घेर लिया और हथियारों से हमला कर दिया। हमले में सभी लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। न्याय की गुहार, निष्पक्ष जांच की मांग घायल जब जमीन पर रेंगते हुए एसपी कार्यालय पहुंचे तो उन्होंने कहा—हम मरते-मरते बचे हैं, लेकिन पुलिस ने सिर्फ खानापूर्ति की। पीड़ितों ने आरोपियों पर हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश और जानलेवा हमले जैसी धाराएं जोड़कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं एसपी ने मामले को गंभीरता से लेकर निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है। - सीताराम नाटानी (ईएमएस)