नई दिल्ली (ईएमएस)। पाकिस्तान पहलगाम में आतंकवादी हमला करवाकर अपने आप को बहादुर समझ रहा था। लेकिन भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर लांच कर महज 22 मिनट में पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आंतकी कैंप को मिट्टी में मिला दिया। इसके बाद कट्टरपंथी सेना प्रमुख आसिम मुनीर के इशारे पर पाकिस्तानी फौज ने इंडियन मिलिट्री बेस को टारगेट करने की कोशिश की थी। भारत ने करारा जवाब देकर न केवल पाकिस्तानी फौज के हमले को पूरी तरह से नाकाम कर दिया, बल्कि एक ही झटके में पाकिस्तान के 11 एयरबेस को तबाह कर दिए। भारत ने ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल से ऐसा प्रचंड प्रहार किया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अभी तक सदमे में है। आंतकी पाकिस्तान की ऐसी हालत तब है, जब भारत ने अभी तक अपने ‘ब्रह्मास्त्र’ का इस्तेमाल नहीं किया है। भारत ने अग्नि सीरीज के तहत लंबी दूरी तक मार करने वाली आईसीबीएम यानी इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल तैयार की है। इसमें से अग्नि-5 लंबी दूरी तक मार करने वाली खतरनाक मिसाइल में से एक है। डीआरडीओ की ओर से तैयार यह मिसाइल न्यूक्लियर के साथ ही कन्वेंशनल वॉरहेड (परंपरागत हथियार) को ले जाने में सक्षम है। अग्नि-5 की ऐसी कई खूबियां हैं, जो मिसाइल को बेहद ही खतरनाक और घातक बनाती हैं। अग्नि-5 एक साथ कई टारगेट को तबाह करने में सक्षम है। अग्नि-5 को ऐसी तकनीक से लैस किया गया है, जिसे रक्षा जानकार मिसाइल बस कहते हैं। जिस तरह बस में एक साथ कई यात्री सफर कर सकते हैं, उसी तरह अग्नि-5 मिसाइल एक साथ कई वॉरहेड को अपने साथ ले जाने और दुश्मनों पर हमला करने में सक्षम है। अग्नि-5 के विकास के साथ ही मिसाइल टेक्नोलॉजी में भारत गिने-चुने देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है। अग्नि-5 इंटर-कॉन्टिनेंटल मिसाइल की रेंज इतनी ज्यादा है कि चीन का अधिकांश हिस्सा भी आ जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार अग्नि-5 की रेंज 5000 से 5800 किलोमीटर है। कुछ रक्षा जानकार इसकी रेंज 7000 किलोमीटर से भी ज्यादा बताते हैं। भारत अग्नि सीरीज के तहत डेवलप की जा रही मिसाइल की रेंज को 10,000 से 12,000 किलोमीटर तक करने की योजना पर भी काम कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया गया। फिलहाल उसकी अधिकतम रेंज 450 किलोमीटर है। इस बढ़ाकर 800 किलोमीटर तक करने की प्लानिंग पर डीआरडीओ लगातार काम कर रहा है। 11 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोस्ट कर कहा था कि अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का एमआईआरवी यानी मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हिकल टेक्नोलॉजी के साथ सफल परीक्षण किया गया है। इसके साथ ही भारत उस क्लब में शामिल हो गया, जिसमें चुनिंदा देश ही शामिल हैं। मिशन दिव्यास्त्र के तहत इसकी टेस्टिंग की गई थी। रक्षा जानकारों के अनुसार, एमआईआरवी एक ‘मिसाइल बस है, जिसके यात्री परमाणु बम होते हैं और जो उन्हें अलग-अलग लक्ष्यों तक पहुंचाने के लिए एक बूस्टर की सुविधा प्रदान करता है। आशीष/ईएमएस 31 मई 2025