नई दिल्ली(ईएमएस)। जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों के साथ ही पंजाब, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और चंडीगढ़ के सीमावर्ती जिलों में यह मॉक ड्रिल की जाएगी। पहले यह मॉक ड्रिल 29 मई को होनी थी लेकिन फिर इसे पोस्टपोन कर दिया गया था। प्रशासन ने बताया कि अब तैयारियां पूरी हो गई हैं। पाकिस्तान से तनाव के बीच सीमावर्ती 6 राज्यों में शनिवार को ऑपरेशन शील्ड के तहत सुरक्षा की मॉक ड्रिल की जाएगी। इस ऑपरेशन शील्ड का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को युद्ध की स्थिति के लिए तैयार करना है। इसके हत यह बताया जाएगा कि युद्ध के समय खुद को और अपने आसपास के लोगों को कैसे बचाया जा सकता है। ऑपरेशन शील्ड के दौरान सायरन बजेंगे और कुछ देर के लिए ब्लैकआउट किया जाएगा। इन्वर्टर, सोलर लाइट और मोबाइल की टॉर्च के अलावा वाहनों की लाइट जलाने पर भी पाबंदी होगी। मॉक ड्रिल के दौरान लोगों से कहा गया है कि वे अपनी खिड़कियों के पर्दे भी बंद कर दें ताकि किसी तरह की रोशनी बाहर ना निकले। प्रशासन ने इसकी जानकारी लोगों तक पहले ही पहुंचा दी है ताकि लोगों में किसी तरह का पैनिक ना हो। यह मॉकड्रिल इसलिए कराई जा रही है ताकि एयरक्राफ्ट, ड्रोन या फिर मिसाइल हमले के वक्त लोगों को सुरक्षित बचाया जा सके। इस ड्रिल के तहत बेहद शांत तरीके से सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को बुलया जाएगा। इसके बाद इवैकुएशन ड्लिल होगी। आपस में बातचीत के तरीकों को लेकर भी मॉक ड्रिल की जाएगी। ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद सीमावर्ती जिलों में मॉकड्रिल की गई थी। पाकिस्तान की सीमा से सटे हुए राज्यों को रिस्क ज्यादा होता है। यहां हवाई हमले और ड्रोन से हमले होने की गुंजाइश ज्यादा होती है। ऐसे में सरकार का फोकस इन इलाकों में ज्यादा होता है। ब्लैकआउट से दुश्मन के लिए रिहाइशी इलाकों की पहचान कर हमला करना मुश्किल हो जाता है। इसीलिए मॉक ड्रिल के दौरान भी ब्लैकआउट किया जाता है। बता दें कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर हमले शुरू कर दिए जिसका मुंहतोड़ जवाब दिया गया। पाकिस्तान की बौखलाहट और खीझ को देखते हुए ही यह मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। यह ड्रिल 7 मई वाली ड्रिल की तरह ही होगी। वीरेंद्र/ईएमएस/31मई 2025