वॉशिंगटन(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कब किसको झटका दे दें कोई नहीं जानता। चीन को लेकर उन्होंने एक और बड़ा ऐलान करते हुए कह दिया कि अब चीन की घटिया स्टील नहीं चलेगी। उन्होंने ने स्टील इंपोर्ट पर टैरिफ दोगुना कर दिया है। अब यह टैरिफ 25 फीसदी से बढ़कर 50 फीसदी हो गया है। डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि अमेरिका की स्टील कंपनी को बचाने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है। उनका यह फैसला 4 जून से लागू होने वाला है। जाहिर सी बात है कि इससे स्टील से बने उत्पादों जैसे कि कार के रेट में इजाफा हो सकता है। अपने संबोधन में डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अमेरिका का भविष्य शंघाई के घटिया स्टील से नहीं बनेगा बल्कि पिट्सबर्ग की मजबूती और ताकत से बनेगा। उन्होंने कहा, मुझे डर थाकि मॉन वैली में 3 हजार स्टील से जुड़ी नौकरियां खत्म हो जाएंगी। लेकिन मैंने वादा किया था कि ऐसा नहीं होगा और मैंने अपना वादा पूरा किया है। अमेरिका की स्टील इंडस्ट्री को सुरक्षित करने के लिए टैरिफ को डबल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूएस स्टील में जापान की निपन स्टील भी निवेश करेगी। उन्होंने कहा कि यूएस स्टील अमेरिकी कंपनी ही रहेगी। इसके अलावा एक डील के तहत जापान की निपन स्टील इसमें निवेश करेगी। उन्होंने कहा, हमने एक बहुत ही अच्छी डील है जिससे अमेरिका की स्टील कंपनी अमेरिका की ही रहेगी। डोनाल्ड ट्रंप स्टील कंपनी के पित्सबर्ग प्लांट पर एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जापान की कंपनी यूएस स्टील को खरीद नहीं पाएगी। बीते सप्ताह निपन स्टील ने यूएस स्टील में पार्शियल ओनरशिप का ऐलान किया था। हालांकि यह कन्फर्म नहीं हो पाया है कि अब कंपनी की क्या डील हुई है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने स्टील पर 40 फीसदी ही टैरिफ लगाने का विचार किया था लेकिन इंडस्ट्री के लीडर्स की सलाह पर इसे 50 फीसदी किया गया है। उन्होंने कहा कि 25 फीसदी वाले जाल को फांदना आसान था लेकिन अब 50 फीसदी वाले जाल को कोई नहीं पार कर पाएगा। पहले 25 फीसदी लगाया था टैरिफ इससे पहले 12 मार्च को ही डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमिनियम पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाया था। इसके बाद कनाडा और अमेरिका की ऑटोमोबाइल कंपनियों ने इसका विरोध किया। यूरोपीय यूनियन ने जवाबी टैरिफ लगाया जिसे बाद में हटा लिया गया। चुनाव प्रचार के दौरान भी डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस स्टील को विदेशी कंपनी के हाथों बेचे जाने का विरोध किया था। वीरेंद्र/ईएमएस/31मई 2025