ज़रा हटके
01-Jun-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। जो लोग ज्यादा रोते हैं, उनकी आंखों में संक्रमण होने का खतरा बहुत कम होता है। यह कहना है विशेषज्ञों का। विशेषज्ञों के अनुसार, आंसू में मौजूद एक खास तत्व लाइसोजाइम, जो कि एक बैक्टीरियोलाइटिक एंजाइम है, बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है और आंखों को संक्रमण से बचाता है। यह एंजाइम लार, आंसू और बलगम में पाया जाता है और वैज्ञानिक इसे प्रोटीन के अध्ययन के लिए भी एक मॉडल के रूप में उपयोग करते हैं। आंसू आंखों को नमी और पोषण प्रदान करते हैं। वे आंखों को हाइड्रेटेड बनाए रखते हैं और धूल, एलर्जी और बैक्टीरिया जैसे हानिकारक तत्वों से बचाव करते हैं। इसके अलावा, आंसू आंखों को आवश्यक पोषक तत्व, इलेक्ट्रोलाइट्स और एंजाइम भी पहुंचाते हैं, जिससे आंखें स्वस्थ और मजबूत बनी रहती हैं। यह न केवल आंखों के लिए फायदेमंद है, बल्कि भावनात्मक और मानसिक राहत भी प्रदान करता है। हालांकि, डॉक्टर्स का मानना है कि अधिक रोने से आंखों में सूजन और सूखापन की समस्या हो सकती है, क्योंकि यह आंखों के प्राकृतिक टियर बैलेंस को प्रभावित करता है। आंसू तीन प्रकार के होते हैं। बेसल आंसू जो लगातार आंखों में बनते रहते हैं और उन्हें चिकनाई तथा सुरक्षा प्रदान करते हैं। रिफ्लेक्स आंसू, जो प्याज काटने या आंख में कोई विदेशी वस्तु जाने पर निकलते हैं और हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालते हैं। तीसरा प्रकार भावनात्मक आंसू है, जो खुशी, दुख या अन्य भावनात्मक परिस्थितियों के कारण निकलते हैं। ये आंसू हमारे मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारी आंखों की देखभाल का भी एक प्राकृतिक तरीका हैं। इसलिए, आंखों से निकलने वाले आंसू हमारी आंखों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे न केवल संक्रमण से बचाते हैं, बल्कि आंखों को पोषण भी देते हैं। सुदामा/ईएमएस 01 जून 2025