व्यापार
01-Jun-2025
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- मानसून की प्रगति और विदेशी संस्थागत निवेशकों के प्रवाह पर भी रहेगी ‎निवेशकों की नजर मुंबई (ईएमएस)। इस सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ब्याज दर पर निर्णय, वृहद आर्थिक आंकड़े और वैश्विक रुझान घरेलू शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। ‎विश्लेषकों ने कहा कि इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियां और शुल्क के मोर्चे पर घटनाक्रम भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेंगे। सभी की निगाह छह जून को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति घोषणा पर रहेगी। इसके अलावा नए माह की शुरुआत के साथ वाहन बिक्री और आर्थिक गतिविधियों का संकेत देने वाले अन्य आंकड़े आएंगे। साथ ही सभी की निगाह मानसून की प्रगति और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के प्रवाह पर भी रहेगी। उनका कहना है ‎कि वैश्विक स्तर पर अमेरिकी बॉन्ड बाजार के रुझान और जारी व्यापार वार्ताओं से जुड़े घटनाक्रम भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेंगे। भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही में उम्मीद से अधिक तेजी से बढ़ी है, जिससे पूरे वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 3,900 अरब डॉलर हो गया है। इस बीच सप्ताह के दौरान आने वाले विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के लिए पीएमआई आंकड़े भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे। इस सप्ताह केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो दर में कटौती की उम्मीद के बीच ब्याज दर की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र, विशेष रूप से सरकारी बैंकों के शेयरों पर सभी की निगाह रहेगी। इसके अलावा वाहन बिक्री के मासिक आंकड़ों की वजह से भी बाजार में क्षेत्र विशेष गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। बाजार के जानकारों ने यह भी कहा ‎कि बाजार रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहा है। ऐसे में ब्याज दर की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों पर सभी की नजर रहेगी। सकारात्मक वृहद आर्थिक आंकड़े निवेशकों का भरोसा बढ़ा सकते हैं। सतीश मोरे/01जून ---