02-Jun-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली में डॉक्टर और मेडिकल टीम के काम की हर कोई सराहना कर रहा है। वहीं दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एक धड़कते दिल को सिर्फ 19 मिनट में गाजियाबाद से दिल्ली पहुंचाया, जिससे एक मरीज की जान बचाई गई। यह दिल गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल से दिल्ली के ओखला रोड स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल तक लाया गया। 17 किलोमीटर की दूरी के लिए एक खास ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया जिससे यह ट्रांसपोर्ट सुबह 11 बजकर 40 मिनट से 11 बजकर 59 मिनट के बीच सफलतापूर्वक पूरा हुआ। इस दिल की जरूरत 49 साल के एक मरीज को थी जो इस्कीमिक कार्डियोमायोपैथी नाम की गंभीर दिल की बीमारी से पीड़ित था। डाक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी में दिल की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और उसका पंप करने का काम सही ढंग से नहीं हो पाता। मरीज पिछले साल अगस्त से नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइज़ेशन (एनओटीटीओ) के जरिए दिल के इंतजार में था। डोनर का दिल एक 35 साल की महिला का था जिसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। उसके परिवार ने इंसानियत का बड़ा उदाहरण पेश करते हुए उसके अंग दान करने की अनुमति दी। इससे कई जिंदगियों को नया जीवन मिला। एनओटीटीओ ने यह दिल फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल में भर्ती मरीज से मिलाया और तुरंत ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू की गई। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल के फेसेलिटी डायरेक्टर डॉ विक्रम अग्रवाल ने कहा कि हम दिल्ली और गाजियाबाद की ट्रैफिक पुलिस के शुक्रगुजार हैं, जिनकी शानदार प्लानिंग और तेज काम की वजह से ग्रीन कॉरिडोर बन पाया और समय पर दिल अस्पताल पहुंचा। हम डोनर के परिवार के भी दिल से आभारी हैं जिनकी संवेदनशीलता और इंसानियत ने एक जान बचा ली। यह पूरी घटना हमारी टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है। यह घटना न सिर्फ मेडिकल तकनीक की ताकत को दिखाती है बल्कि यह भी साबित करती है कि अगर समय पर सही कदम उठाए जाएं और सभी मिलकर काम करें तो किसी की भी जिंदगी को बचाया जा सकता है। अजीत झा /देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/02/जून/2025