07-Jun-2025


मुंबई, (ईएमएस)। महाराष्ट्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। अब अवैध लघु खनिज खनन पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस फैसले की घोषणा की है। इससे अवैध खनन रोकने में मदद मिलेगी। बताया गया है कि खनन बेल्टों के सर्वेक्षण के लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य तीन महीने में सभी खनन बेल्टों की गणना पूरी करना है। जनकारी के अनुसार राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने राज्य में अवैध लघु खनिज खनन पर लगाम लगाने के लिए ड्रोन का उपयोग करके खनन बेल्टों का सर्वेक्षण करने के लिए पायलट आधार पर टेंडर प्रक्रिया लागू करने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य अगले तीन महीनों में राज्य के सभी खनन बेल्टों की गणना पूरी करना है। इससे न केवल अवैध खनन पर लगाम लगेगी बल्कि कृत्रिम रेत उत्पादन परियोजना को भी बढ़ावा मिलेगा। सर्वेक्षण से प्राप्त जानकारी हर तीन महीने में जिला कलेक्टर को देनी होगी और इसे तुरंत महाखनिज वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। * ड्रोन सर्वेक्षण के क्या लाभ हैं? पारंपरिक भूमि सर्वेक्षण में कई त्रुटियां हैं, जो अवैध खनन पर नियंत्रण में बाधा डालती हैं। इसके समाधान के रूप में, प्रायोगिक आधार पर ड्रोन का उपयोग करके किया गया सर्वेक्षण उल्लेखनीय रूप से सटीक पाया गया है। ड्रोन तकनीक का उपयोग करके सर्वेक्षण करने से खनन क्षेत्रों में पिछले उत्खनन, चल रहे उत्खनन, भविष्य की उत्खनन संभावनाओं और उपलब्ध पत्थर खदानों के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी। अवैध खनन पर नियंत्रण करना आसान होगा। कृत्रिम रेत उत्पादन परियोजनाओं जैसी पर्यावरण के अनुकूल पहल को बढ़ावा दिया जाएगा। रेत खनन और लघु खनिज खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई सरकार ने राज्य में अवैध रेत खनन और लघु खनिज खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने का दावा किया है। 1 अप्रैल, 2024 से 31 जनवरी, 2025 के बीच 6 हजार 131 मामलों में 299 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि लगभग 601 मामले दर्ज किए गए हैं और 192 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि रेत खनन के लिए जल्द ही एक नई नीति पेश की जाएगी। संजय/संतोष झा- ०७ जून/२०२५/ईएमएस