07-Jun-2025
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वाशिंगटन(ईएमएस)। जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ गोटिंगेन के भू-रसायनशास्त्री निल्स मेसलिंग और उनकी टीम ने हवाई की बेसाल्टिक चट्टानों का तीन साल तक अध्ययन किया। 21 मई 2025 को नेचर जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा गया कि पृथ्वी के कोर में मौजूद 99.95 प्रतिशत से अधिक सोना और प्लैटिनम जैसी धातुएं रिस रही हैं। इसी वजह से भविष्य में पृथ्वी की सतह पर और सोना आ सकता है। दावा किया गया कि हवाई की चट्टानों में रूथेनियम जैसे दुर्लभ तत्वों की मौजूदगी ने साबित किया कि कोर अलग-थलग नहीं है। मेसलिंग ने बताया कि जब ग्रह बना तब मिटियोराइट्स के टकराव से सोना और भारी धातुएं कोर में जमा हो गईं। लेकिन अब मैग्मा प्लम्स के जरिए ये धातुएं सतह की ओर आ रही हैं। सह-लेखक प्रोफेसर मैथियास विलबोल्ड के अनुसार सैकड़ों क्वाड्रिलियन मीट्रिक टन मेंटल सामग्री कोर-मेंटल सीमा से सतह तक पहुंचकर हवाई जैसे द्वीप बनाती है। क्या इसका मतलब है कि हर कोई मालामाल हो जाएगा? यह इतना आसान नहीं। कोर में मौजूद सोना अभी भी पृथ्वी की सतह से हजारों किलोमीटर नीचे है और इसे निकालना तकनीकी रूप से असंभव है। लेकिन इस खोज से भविष्य में खनन की नई संभावनाएं खुल सकती हैं, खासकर ज्वालामुखी क्षेत्रों में। हवाई की चट्टानों में रूथेनियम और अन्य प्लैटिनम समूह की धातुओं के अंश मिले जो यह संकेत देते हैं कि कोर से रिसाव लंबे समय तक चल सकता है। यह शोध भूविज्ञान के क्षेत्र में क्रांतिकारी है क्योंकि यह पृथ्वी की आंतरिक गतिशीलता को समझने में मदद करता है। अगर यह रिसाव जारी रहा तो भविष्य में सतह पर सोने की मात्रा बढ़ सकती है। हालांकि फिलहाल के लिए यह खजाना पृथ्वी के गर्भ में ही सुरक्षित है जो हमें प्रकृति की रहस्यमयी शक्ति का अहसास कराता है। वीरेंद्र/ईएमएस 07 जून 2025