* 343.39 करोड़ रुपये के 13 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं 213.79 करोड़ रुपये के 28 विकास कार्यों का शिलान्यास गांधीनगर (ईएमएस)| मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने को राजकोट में 343.39 करोड़ रुपये की लागत के 13 विकास कार्यों का लोकार्पण तथा 213.79 करोड़ रुपये की लागत के 28 विकास कार्यों का शिलान्यास कर शहर और जिले को 557.18 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की भेंट दी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने यहां प्रमुख स्वामी ऑडिटोरियम में नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि शहरी विकास वर्ष के अंतर्गत राजकोट शहर एवं जिले में बहुत अच्छे विकास कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आज जिन विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया जाएगा, उनसे राजकोट शहर और जिले के नागरिकों की ईज़ ऑफ़ लिविंग बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने पिछले दो दशकों की राजकोट की विकास यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों में अटल सरोवर, एम्स, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, विभिन्न फ्लाईओवर सहित विभिन्न विकास परियोजनाओं के माध्यम से राजकोट की भी कायापलट हुई है और शहर के निवासियों की खुशहाली बढ़ी है। राजकोट में आज नवनिर्मित आर्ट गैलरी सहित करोड़ों रुपये के विकास कार्य; राज्य सरकार की शहरजनों की सुगमता और खुशहाली बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। राजकोट क्षेत्र की भविष्य की विकास योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने सूरत की तरह राज्य में छह ग्रोथ हब विकसित करने की योजना बनाई है। राजकोट का भी इसमें समावेश किया गया है। इसके लिए विशेष रिजनल इकोनॉमिक प्लान तैयार किया जा रहा है। राजकोट एमएसएमई, इंजीनियरिंग, सोना-चांदी, आभूषण निर्माण सहित कई क्षेत्रों में गुजरात का हब बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में ऐसे उद्योगों को विश्व स्तरीय बाजार मिले; ऐसा प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री ने आज छत्रपति शिवाजी महाराज के 352वें राज्याभिषेक दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज ने सुशासन की स्थापना की थी तथा जनकल्याण, सुरक्षा और युद्ध का श्रेष्ठतम मॉडल विकसित किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकास की राजनीति शुरू कर नागरिक देवो भवः की भावना के साथ पिछले 11 वर्षों के सुशासन में विकास का लाभ छोटे से छोटे व्यक्ति तक पहुंचाकर सुशासन का मॉडल स्थापित किया है। प्रधानमंत्री के बताए मार्ग पर चलते हुए आज राजकोट को 557.18 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की भेंट मिल रही है। उन्होंने कहा कि जिसमें से 238 करोड़ रुपये के विकास कार्य ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में सुशासन के दौर में ज्योतिग्राम योजना शुरू कर गांव-गांव में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की। कृषि के लिए अलग फीडर बनाए गए। साथ ही, उद्योग और कृषि को पर्याप्त बिजली मिले, इसके लिए नरेन्द्र मोदी ने संतुलित दृष्टिकोण अपनाया। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में 3.40 लाख परिवारों ने सोलर रूफटॉप लगाए हैं। इसमें से लोगों ने 58 प्रतिशत बिजली का उपयोग घरेलू उपयोग के लिए तथा 42 प्रतिशत बिजली का उपयोग सरकार को बेचकर कमाते के लिए किया। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों से इस योजना का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि सोलर योजना का लाभ किसानों को भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के 98 प्रतिशत किसानों को पूरा दिन बिजली मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सौराष्ट्र के प्रत्येक गांव तक सौनी योजना के माध्यम से पानी पहुंचाया है। आज, बिजली, पानी और उत्तम रोड कनेक्टिविटी की उपलब्धता के कारण राजकोट सहित पूरे सौराष्ट्र में उद्योग और व्यवसाय तेजी से विकसित हुए हैं। राजकोट जिले में आज शुरू हो रहे 112 करोड़ रुपये के रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्यों से जिले के उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और नागरिकों को परिवहन के लिए उत्कृष्ट सुविधाएं मिलेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के शहरीकरण को व्यवस्थित और नियोजित बनाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2005 में पहली बार शहरी विकास वर्ष मनाने की शुरुआत की थी। जिसके माध्यम से गुजरात के शहरीकरण को एक नई दिशा मिली है। शहरी विकास वर्ष के 20 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में गुजरात सरकार ने वर्ल्ड क्लास सिटीज विकसित करने के उद्देश्य से वर्ष 2025 को शहरी विकास वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात सरकार ग्रीन ग्रोथ को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि “क्लीन गुजरात और ग्रीन गुजरात” के लिए नागरिकों का भी यह कर्तव्य है कि वे राज्य के शहरों को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त बनाएं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय सेना को विशेष रूप से बधाई दी। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री कुंवरजी बावलिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में लगाए गए विकास के वटवृक्ष के मीठे फल को मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने गुजरात के सर्वांगीण संतुलित विकास के माध्यम से सबसे निचले व्यक्ति तक पहुंचाया है। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विकास की यात्रा में बिजली, पानी, सड़क के साथ-साथ कला और खेल क्षेत्र को जोड़कर ‘‘विकास भी, विरासत भी’’ के मंत्र को चरितार्थ किया है। गुजरात सरकार ने जसदण जैसे अंतिम छोर के क्षेत्रों में युवाओं को खेल साधन और प्रशिक्षण के माध्यम से खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने में सक्षम बनाने के लिए 8 करोड़ रुपये की लागत से एक इनडोर-आउटडोर खेल के लिए विशाल संकुल का निर्माण किया है। जिसमें एथलेटिक्स, जूडो, कबड्डी, खो-खो जैसे खेलों की सुविधाएं होंगी, जिससे जसदण के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर चमकेंगे। खेलों की इस संस्कृति के साथ, 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स और 2036 में ओलंपिक खेलों की गुजरात की मेजबानी उत्कृष्ट साबित होगी। अंतिम छोर पर स्थित लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा, पूर्व में सौराष्ट्र को जल-संकटग्रस्त क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन आज सौनी योजना के माध्यम से माँ नर्मदा का पानी लोगों तक पहुँच रहा है जिससे नागरिकों को गर्मियों में भी पर्याप्त पानी मिल रहा है। राजकोट में पेयजल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए, आज लोकार्पित की जा रही मोविया, मच्छु-1 और पडधारी योजनाओं के माध्यम से गोंडल, राजकोट, पडधारी, कोटडा सांगाणी और लोधिका क्षेत्रों के लाखों लोगों को प्रति व्यक्ति 100 लीटर पानी मिलेगा। सतीश/07 जून