अंतर्राष्ट्रीय
07-Jun-2025


इस्लामाबाद(ईएमएस)। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने 1972 के ऐतिहासिक शिमला समझौते को ‘मरा हुआ दस्तावेज’ घोषित कर हलचल मचा दी। हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अगले ही दिन इस पर सफाई दी। मंगलवार को दिए एक इंटरव्यू में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, शिमला समझौता अब एक मरा हुआ दस्तावेज है। हम 1948 की स्थिति में लौट आए हैं जब संयुक्त राष्ट्र ने एलओसी पर सीजफायर घोषित किया था। उन्होंने आगे कहा कि “भारत की एकतरफा कार्रवाई, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना इस समझौते को निष्प्रभावी बना चुका है।आसिफ यहीं नहीं रुके। उन्होंने संकेत दिया कि अब भारत-पाक विवादों को द्विपक्षीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय या बहुपक्षीय मंचों पर सुलझाया जाना चाहिए।लेकिन पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की सफाई से साफ है कि सरकार, रक्षा मंत्री के बयान से खुद को अलग कर रही है। यह बयान संभवतः अंतरराष्ट्रीय दबाव और द्विपक्षीय संबंधों में अनावश्यक तनाव से बचने की रणनीति के तहत आया है। एक वरिष्ठ पाकिस्तानी विदेश अधिकारी ने बताया कि हाल की घटनाओं के चलते इस्लामाबाद में आंतरिक चर्चा जरूर हो रही है। लेकिन अब तक भारत के साथ किसी भी समझौते को रद्द करने की कोई औपचारिक कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिमला समझौता अभी भी प्रभावी है। यह बयान ऐसे समय आया है जब 7 मई को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी। इसके बाद पाकिस्तान ने शिमला समझौते की समीक्षा करने की धमकी दी थी। लेकिन तब तक कोई औपचारिक कदम नहीं उठाया गया था। वीरेंद्र/ईएमएस/07जून2025 --------------------------------