खेल
07-Jun-2025


मुम्बई (ईएमएस)। हाल में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने एक कार्यक्रम में खुलासा किया है कि चेतेश्वर पुजारा को आउट करना उनके लिए सबसे कठिन रहा है। रोहित के अनुसार जूनियर क्रिकेट के दिनों में वह और उनके साथी अक्सर इस बात पर चर्चा करते थे कि पुजारा को आउट कैसे करें। इसका कारण ये था कि पुजारा एक बार जम जायं तो उन्हें आउट करना कठिन हो जाता था। रोहित ने हंसते हुए कहा कि पुजारा की लंबी पारियों के चलते धूप में लगातार फील्डिंग करनी पड़ती थी और उनका चेहरा इतना थका हुआ दिखता था कि मां तक पूछने लगती थीं कि क्या हो गया है। रोहित ने बताया कि उनकी टीम की बैठकों में यही विचार होता था कि पुजारा का विकेट कैसे लिया जाए, क्योंकि अगर वह आउट नहीं होते तो हार लगभग तय मानी जाती थी। उन्होंने यह भी साझा किया कि वह 14 साल की उम्र में जब खेलने जाते थे और कई दिनों बाद घर लौटते थे, तो मां पूछती थीं कि चेहरे का रंग इतना बदल कैसे गया। तब वह जवाब देते थे कि एक बल्लेबाज है पुजारा, जो तीन दिन से लगातार बल्लेबाजी कर रहा है। इस अवसर पर रोहित ने पुजारा की जुझारू मानसिकता और उनकी चोटों से वापसी के जज्बे को भी सराहा। उन्होंने बताया कि करियर के शुरुआती दौर में पुजारा को दोनों घुटनों में एसीएल इंजरी हुई थी, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए बेहद गंभीर होती है। इसके बावजूद पुजारा ने 100 से ज्यादा टेस्ट खेले, जो उनकी मेहनत और दृढ़ निश्चय दिखाता हैं। वहीं पुजारा ने भी इस अवसर अपने करियर की सबसे कठिन सीरीज़ के रूप में 2016-17 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई घरेलू बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को बतायाने बताया कि बेंगलुरु टेस्ट के दौरान टीम मुश्किल में थी और अनिल कुंबले से मिली तकनीकी सलाह ने उन्हें नाथन लियोन जैसे गेंदबाज के खिलाफ लंबी पारी खेलने में सहायता की। गिरजा/ईएमएस 07जून 2025