एमएलसी-मेडिको लीगल और पोस्टमार्टम रिपोर्ट होंगी ऑनलाइन भोपाल (ईएमएस)। मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं। अब मेडिको लीगल रिपोर्ट, पोस्टमार्टम और मेडिको लीगल केस रिपोर्ट ऑनलाइन पोर्टल पर जमा करनी होगी। इसके लिए अधिकारियों को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। विभाग ने कहा है कि यह प्रणाली 15 अगस्त तक लागू होनी चाहिए। इसका उद्देश्य पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को सरल बनाना है। इस नई व्यवस्था से अपराधों की विवेचना और अदालत में चालान पेश करने की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग दोनों ही अब एक ही प्लेटफॉर्म पर रिपोट्र्स जमा कर सकेंगे, जिससे कार्य की गति बढ़ेगी। इसके साथ ही, डॉक्टरों को अब कोर्ट में गवाही देने के लिए मौजूद रहने की आवश्यकता नहीं होगी। वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी गवाही दे सकते हैं। इससे आम लोगों को भी काफी राहत मिलेगी। इस सिस्टम के लागू होने से आम लोगों को पुलिस थानों के चक्कर लगाने से आजादी मिल जाएगी। पहले ही 10 जिलों के अस्पतालों में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा शुरु की जा चुकी है और जल्द ही सभी जिलों में इसे लागू किया जाएगा। यह सिस्टम पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कामकाज में पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगा। संवेदनशील स्थानों की पहचान और आपदा प्रबंधन इसके अलावा, एसीएस जेएन कसोटिया ने पुलिस अधीक्षकों से जिले के संवेदनशील स्थानों की पहचान करने के लिए कहा है। इन स्थाजो की सूची तैयार की जानी चाहिए, जहा सायरन की आवश्यकता हो, ताकि आपातकालीन स्थितियों में समय रहते कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा, कसोटिया ने यह भी कहा कि प्रत्येक जिले में आपदा प्रबंधन के लिए कंट्रोल रूम और ऑपरेशन सेंटर स्थापित किया जाए। कसोटिया ने यह भी निर्देश दिया कि सभी जिलों में आपदा प्रबंधन के सबंध में कौल रूम और ऑपटेशन सेंटर की व्यवस्था की जाए, ताकि किसी भी प्राकृतिक या अन्य आपदा के दौरान तुरत प्रतिक्रिया दी जा सके। कसोटिया ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अस्पतालों में दुर्घटना और आपदा के समय पीडि़तों के उपचार की व्यवस्था पूटी तरह से तैयार हो। इस पहल के फायदे इस नई प्रणाली के लागू होने से जागरिको को कई प्रकार की सुविधाए मिलेगी। सबसे पहले, उन्हें पुलिस थाने के बार-बार चक्कर नहीं लगाने होंगे। इसके अलावा, समय की चचत होगी, क्योकि रिपोर्टिंग अब तुरत और ऑनलाइन होगी। यह प्रक्रिया कार्यक्षमता को बढ़ाएगी और आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया को तेज करेंगी। विनोद/ 7 जून /2025