क्षेत्रीय
07-Jun-2025
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जनप्रतिनिधियों की अनदेखी पर नपाध्यक्ष का सवाल— क्या अब लोकतंत्र व्हाट्सएप से चलेगा?, बोलीं— शहर के विकास के लिए हर मंच पर हूं तैयार, लेकिन सूचना देना तो ज़रूरी है। गुना (ईएमएस)।नगरपालिका गुना में बीते डेढ़ माह से चल रही खींचतान का अंत अब तक नहीं हो सका है। प्रशासनिक हस्तक्षेप और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के बीच असंतुलन अब खुलकर सतह पर आ गया है। बीते रोज कलेक्टोरेट में नगर पालिका परिषद के पार्षदों की बैठक बुलाई गई, जिसमें नपाध्यक्ष सविता अरविंद गुप्ता सहित करीब दो दर्जन पार्षद गैरहाजऱि रहे। उनकी अनुपस्थिति को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं, लेकिन नपाध्यक्ष ने साफ किया कि उनकी या अन्य पार्षदों की गैरमौजूदगी का कारण कोई विरोध नहीं, बल्कि सूचना का अभाव था। नपाध्यक्ष सविता गुप्ता ने कहा, मैं शहर के विकास, नागरिकों की समस्याओं और पार्षदों के अधिकारों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर हूं। लेकिन जब बैठक की सूचना ही न मिले, तो उसमें भाग कैसे लें? हमें न एजेंडा दिया गया, न कोई आमंत्रण। केवल व्हाट्सएप पर मैसेज डालकर इतिश्री कर ली गई। मैं व्यक्तिगत रूप से व्हाट्सएप पर अधिक सक्रिय नहीं रहती, यह सबको ज्ञात है। क्या अब लोकतंत्र भी व्हाट्सएप पर चलाया जाएगा? इससे पहले भी नपाध्यक्ष सविता गुप्ता और उनके नेतृत्व में भाजपा के 20 पार्षद दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से नगर पालिका के कामकाज को लेकर शिकायत दर्ज करा चुके हैं। उनका मानना था कि प्रशासन की ओर से किए जा रहे हस्तक्षेप से स्थानीय निकाय की स्वायत्तता पर खतरा उत्पन्न हो रहा है। लेकिन इसके बाद हुई कलेक्टोरेट बैठक में जब पार्षदों को औपचारिक निमंत्रण तक नहीं दिया गया, तो यह स्थिति और गंभीर हो गई। बैठक में शामिल केवल 11 पार्षदों की उपस्थिति यह दर्शाती है कि परिषद के अधिकांश सदस्य बैठक की प्रक्रिया और आमंत्रण से असहमत थे। नपाध्यक्ष के अनुसार, हम बैठक से नहीं भागते, लेकिन बैठक में पारदर्शिता, समुचित सूचना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया होना चाहिए। बिना तैयारी और सूचना के बुलाई गई बैठक में भाग लेना केवल औपचारिकता होगी, जिससे जनता के हितों की रक्षा नहीं हो सकती। उन्होंने यह भी कहा कि नगर पालिका परिषद कोई अधीनस्थ संस्था नहीं है जिसे सूचना मात्र से संचालित किया जाए। हमें न तो एजेंडे की जानकारी दी गई, न बैठक की प्रमुख बातों से अवगत कराया गया। यदि जिम्मेदार अधिकारी बैठक को गंभीरता से लेते तो संबंधित पार्षदों और अध्यक्ष को व्यक्तिगत सूचना और एजेंडा दिया जाता। यह भी महत्वपूर्ण है कि बैठक के दौरान नगर के कुछ भाजपा पार्षदों ने परिषद के कामकाज की सराहना की, परंतु कलेक्टर ने 5 प्रतिशत काम भी पूर्ण न होने की बात कहकर असंतोष जताया। नपाध्यक्ष ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब परिषद के प्रस्तावों को समय पर स्वीकृति और संसाधन नहीं मिलते, तब कार्यों की प्रगति कैसे हो? कलेक्टर ने बुलाई थी बैठक, दिए थे अहम दिशा-निर्देश दरअसल शहर विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हेतु शुक्रवार शाम 6 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई थी। कलेक्टर किशोर कन्याल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वर्षा पूर्व नालों की सफाई, अतिक्रमण, सम्पत्ति कर वसूली, पेयजल व्यवस्था, पीएम आवास योजना, हक हस्तांतरण, निविदा एवं अन्य शहरी विकास बिंदुओं पर चर्चा की गई। जारी आदेश में उन्होंने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को निर्देशित किया गया कि था वे बैठक हेतु एजेण्डानुसार पीपीटी तैयार करें और सभी जनप्रतिनिधियों व संबंधित अधिकारियों को सूचना दें।- सीताराम नाटानी (ईएमएस)