07-Jun-2025


इन्दौर (ईएमएस) जिला कोर्ट ने सीएचएल हास्पिटल के चेयरमेन डॉ. राजेश भार्गव, चीफ कार्डियक सर्जन मनीष पोरवाल, पियूष गुप्ता और अरुण चोपड़ा पर धारा 304 ए का केस संज्ञान में ले इन सभी के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर 18 अगस्त को उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इन सभी को 5000-5000 रुपए के जमानती वारंट के साथ बुलाया है। मामला किरण कुमार महाजन पिता पांडुरंग महाजन निवासी शिवशक्ति नगर ने एमआईजी थाने में दर्ज कराया था। और उसमें आरोप लगाया था कि प्रार्थी के पिता पांडुरंग को 21 जनवरी 2019 को बायपास सर्जरी के लिए सीएचएल में चीफ कार्डियक सर्जन डॉ. पोरवाल से हार्ट सर्जरी के लिए भर्ती कराया गया था। लेकिन डॉ. पोरवाल की घोर लापरवाही और उतावलेपन के कारण उनकी मौत हो गई। कोर्ट ने मामले में प्रस्तुत दस्तावेजों से पाया कि सर्जरी डॉ. पोरवाल से कराने के लिए सहमति दी गई थी, लेकिन चेकलिस्ट दस्तावेजों में डॉ. पियूष गुप्ता का नाम है। ऑपरेशन नोटशीट में भी गुप्ता के ही हस्ताक्षर हैं। जबकि इनसे सर्जरी के लिए सहमति दी ही नहीं गई थी। कोर्ट ने आईपीसी की धारा 304 (ए) के तहत मेडिकल नेग्लिजेंस किए जाने के कारण पिता पांडुरंग की 1 फरवरी 2019 को मौत होने का संज्ञान लिया। प्रार्थी ने अपने बयान में यह भी कहा गया कि डॉ. पोरवाल ने मरीज को इंट्रा एटीक बलून लगाने के लिए कहा था लेकिन वास्तव में वह मरीज को लगाया ही नहीं गया। जिस दिन प्रार्थी के पिता की मृत्यु हुई उस दिन डॉ. अरुण चोपड़ा द्वारा सीपीआर दिया गया जबकि इसके लिए वह योग्य ही नहीं थे। सभी दस्तावेजों के बाद कोर्ट ने कहा कि चेयरमेन डॉ. राजेश भार्गव, चीफ कार्डियक सर्जन मनीष पोरवाल, पियूष गुप्ता और अरुण चोपड़ा पर धारा 304 ए का केस संज्ञान में लिया जाता है। वहीं इन सभी के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर 18 अगस्त को उपस्थित होने के निर्देश दिए जाते हैं। आनन्द पुरोहित/ 07 जून 2025