मॉस्को(ईएमएस)। रूस और चीन के बीच की दोस्ती की एक नई दांस्ता सुनाई दे रही है। भले ही दोनों देश गहरी दोस्ती के दावे कर रहे हों लेकिन दूसरी कहानी जो सामने आ रही है वो चौकाने वाली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस और चीन के बीच ‘बिना किसी सीमा’ वाली इस दोस्ती के पीछे का सच कुछ और ही है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस, चीन को अपना दुश्मन मानता है और उस पर बिल्कुल भरोसा नहीं करता है। रूस की फेडरल सिक्योरिटी सर्विस की एक खुफिया यूनिट ने चीन को रूस के ‘दुश्मन’ के रूप में वर्गीकृत किया है। रिपोर्ट में दस्तावेज के हवाले से बताया गया है कि चीन रूस के सैन्य, और भू-राजनीतिक असेट पर जासूसी गतिविधियां लगातार बढ़ा रहा है, जिससे रूस को खतरा है। रूसी खुफिया एजेंसी के दस्तावेज में चीन से निपटने का रास्ता बताया गया है। इसके मुताबिक रूस, चीन के साथ कूटनीतिक एकता का दिखावा करते हुए चीनी जासूसी का सक्रिय रूप से मुकाबला करने के लिए एक संतुलनकारी नीति बनाएगा। रूसी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे चीनी खुफिया खतरे किसी भी रूप में सार्वजनिक रूप से दिखाने से बचे, ताकि द्विपक्षीय संबंधों में कोई तनाव न आए। जानकारी के मुताबिक आठ पन्नों का एफएसबी मेमो 2023 के अंत या 2024 की शुरुआत में तैयार किया गया था। यह दस्तावेज शुरुआत में एक साइबर क्राइम ग्रुप, एरेस लीक्स के हाथ लगी थी। दस्तावेज में कहा गया है कि चीनी एजेंट, रूसी वैज्ञानिकों और अधिकारियों को झांसे में लेकर एडवांस्ड सैन्य तकनीकों तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। वहीं इसमें यह भी कहा गया है कि चीन के गुर्गे पश्चिमी देशों की युद्ध रणनीति और हथियार प्रणालियों को समझने के लिए रूस-यूक्रेन जंग की निगरानी भी कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एफएसबी ने चीन की इन घुसपैठों को ट्रैक करने के लिए एक संगठन भी तैयार किया था। रूस ने चीन से जुड़े रूसी लोगों और चीनी मैसेजिंग ऐप वीचैट पर निगरानी बढ़ा दी थी, जिसके बाद कई ऐसे मामले पकड़ में आए हैं। इसके लिए रूस एक खास एफएसबी टूल का उपयोग करके व्यक्तिगत डेटा भी इकट्ठा कर रहा है। वीरेंद्र/ईएमएस/09जून2025 --------------------------------