युगों तक याद किया जायेगा बिरसा मुंडा का योगदान- राजेन्द्र प्रसाद गोंड बस्ती (ईएमएस)। सोमवार को अखिल भारत वर्षीय गोंड महासभा द्वारा जिलाध्यक्ष बलराम गोंड के संयोजन में स्टेशन रोड स्थित एक होटल के परिसर में भगवान बिरसा मुंडा को उनके 125वीं पुण्यतिथि पर याद किया गया। गोंड महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड ने कहा कि भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी नायक भगवान बिरसा मुंडा सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं थे बल्कि उन्होंने भारत में आदिवासी अधिकारों की चेतना का शंखनाद भी किया। उन्होंने बीस साल की उम्र से ही हजारों आदिवासियों को एकजुट किया। ब्रिटिश सरकार को आदिवासी क्षेत्रों में सुधारों के लिए मजबूर किया और उनसे प्रयासों ने छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट लागू करने में अहम भूमिका निभाई। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा। काशी प्रसाद गोंड, हनुमान प्रसाद गोंड, ओम प्रकाश ठाकुर आदि ने कहा कि बिरसा मुंडा कुशल वक्ता और कवि थे और उनके विचार कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बने। बिरसा मुंडा के विचार आज के समय में भी आदिवासी अधिकारों, सामाजिक समानता और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रासंगिक बने हुए हैं। संचालन करते हुये महामंत्री अमित गोंड ने कहा कि झारखंड के खूंटी के उलिहातू गांव में 15 नवंबर 1875 को जन्मे बिरसा मुंडा को ‘धरती आबा’ (पृथ्वी के पिता) के नाम से जाना जाता है। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया और आदिवासियों को उनके अधिकारों के लिए जागरूक किया। इसीलिए उन्हें भगवान कहा जाता है। उन्होंने 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन और सामाजिक अन्याय के खिलाफ ऐतिहासिक विद्रोह ‘उलगुलान’ का नेतृत्व किया। 1900ई. को बिरसा मुंडा को गिरफ्तार कर लिया गया और रांची जेल में बिरसा की मृत्यु हो गई। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा। भगवान बिरसा मुंडा की विरासत आज भी आदिवासी समुदायों के लिए प्रेरणास्रोत है और उनके विचार आज भी प्रासंगिक बने हुए हैं। पुण्य तिथि पर बिरसा मुंडा को नमन् करने वालों में शुभम गोंड, सुरेश गोंड़, अजीत गोंड, अवधेश नारायण, सुधीर गोंड, रामचन्दर, राजेश गोंड आदि शामिल रहे। .../ 9 जून /2025