भिलाई (ईएमएस)। जब किसी औद्योगिक परियोजना की परिधि उसके भूगोल से आगे बढ़कर मानवीय विकास के आयामों को छूने लगे, तो वह समाज के लिए केवल संसाधनों की खान नहीं रह जाती, वह संभावनाओं का एक नया नक़्शा गढ़ने लगती है। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की रावघाट परियोजना इसी दिशा में एक जीवंत उदाहरण बन रही है, जहाँ खनन क्षेत्र की सीमाओं से परे समुदायों के भीतर सशक्तिकरण की मशाल जलाई जा रही है। इसी क्रम में गत दिवस भिलाई इस्पात संयंत्र ने अपने निगमित सामाजिक दायित्व कार्यक्रम के अंतर्गत सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर, भुवनेश्वर में सीएनसी टर्निंगÓ विषय पर पाँच माह की आवासीय तकनीकी प्रशिक्षण योजना के लिए रावघाट अंचल से 21 युवाओं के पहले बैच को विदा किया। यह केवल एक यात्रा नहीं थी, बल्कि ग्रामीण और आदिवासी युवाओं के सपनों को तकनीकी कौशल में ढालने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव था। दुर्ग रेलवे स्टेशन से रवाना हुए ये युवक न केवल अपने परिवारों की उम्मीदें लेकर चले हैं, बल्कि पूरे रावघाट क्षेत्र की आकांक्षाओं को अपने साथ लिए हुए हैं। सीटीटीसी, भुवनेश्वर में उन्हें न सिर्फ अत्याधुनिक औद्योगिक यंत्रों के संचालन और प्रिसिशन मैन्युफैक्चरिंग में प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि आत्मनिर्भरता, श्रम की गरिमा और आधुनिक उत्पादन प्रक्रियाओं की समझ भी विकसित होगी। ईएमएस/शमशीर सीवानी/ 09 जून 2025