बर्न (ईएमएस)। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) में कोई गिरावट नहीं है, हालांकि आवधिक उतार-चढ़ाव कभी-कभी वैश्विक ब्याज दर में बदलाव के कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में नए सिरे से विदेशी पूंजी प्रवाह देखने को मिला है। साथ ही सरकार सुझावों के लिए तैयार है और देश में एफडीआई को बढ़ावा देने के लिए नए उपायों को अपनाएगी। गौरतलब है कि पिछले 11 वित्त वर्ष (2014-25) में भारत ने 748.78 अरब अमेरिकी डॉलर के एफडीआई को आकर्षित किया, जो पिछले 11 वर्ष (2003-14) में 143 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसके अतिरिक्त एफडीआई के स्रोत देशों की संख्या 2013-14 में 89 से बढ़कर 2024-25 में 112 हो गई, जो भारत की बढ़ती वैश्विक अपील को निवेश गंतव्य के रूप में दर्शाती है। गोयल ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि इन आंकड़ों को देखते हुए मुझे नहीं लगता कि कोई गिरावट की प्रवृत्ति है, समय-समय पर कुछ बदलाव हो सकते हैं और ऐसा अन्य देशों में ब्याज दर चक्रों में बदलाव के कारण होता है। इसलिए यदि कुछ देशों में बॉण्ड प्रतिफल अधिक हो जाता है, तो पैसा उन देशों में प्रवाहित होता है। हमने एक बार फिर भारत में पैसा वापस आते देखा है।’ उन्होंने कहा कि 2024-25 में भारत को कुल 81 अरब अमेरिकी डॉलर का एफडीआई प्राप्त हुआ, जो पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक है। गोयल ने कहा कि 81 अरब अमेरिकी डॉलर के साथ भारत एफडीआई वृद्धि के पथ पर वापस आ गया है। सतीश मोरे/10जून ---