राष्ट्रीय
10-Jun-2025


2020 में कोविड और भारत-चीन तनाव के कारण कर दी थी बंद नई दिल्ली,(ईएमएस)। गृह मंत्रालय ने सिक्किम में नाथू ला और उत्तराखंड में लिपुलेख ला को कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थयात्रियों के लिए भारत में प्रवेश और भारत से बाहर जाने के लिए अस्थायी आधार पर अधिकृत आव्रजन जांच चौकियों के रूप में नामित किया है। विदेश मंत्रालय हर साल जून से सितंबर के दौरान दो मार्गों लिपुलेख दर्रा और नाथू ला दर्रा के जरिए कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन करता है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सिक्किम स्थित नाथु ला और उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले स्थित लिपुलेख ला को अस्थायी रूप से अधिकृत आव्रजन चौकी घोषित किया है। यह व्यवस्था तीर्थयात्रियों के भारत में प्रवेश और निकास को सुगम बनाने के लिए की गई है। यह यात्रा 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण बंद कर दी गई थी और इसके बाद भारत-चीन सीमा तनाव के कारण स्थगित रही। यह यात्रा अब फिर शुरू हो रही है। गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर कहा कि केंद्र सरकार ने पूर्वी सिक्किम जिले में स्थित नाथू ला चेक-पोस्ट को कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थयात्रियों के लिए वैध यात्रा दस्तावेजों के साथ भारत में प्रवेश और बाहर निकलने के लिए अस्थायी आधार पर अधिकृत आव्रजन चेक-पोस्ट के रूप में नामित किया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि पासपोर्ट नियम, 1950 के अनुसरण में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित लिपुलेख ला चेक-पोस्ट को कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थयात्रियों के लिए भारत में प्रवेश और निकास के वास्ते अस्थायी आधार पर अधिकृत आव्रजन चौकी के रूप में नामित किया है। बता दें यह यात्रा केवल वैध भारतीय पासपोर्ट रखने वाले पात्र भारतीय नागरिकों के लिए खुली है, जो धार्मिक उद्देश्यों से कैलाश मानसरोवर जाना चाहते हैं। सिराज/ईएमएस 10जून25 -----------------------------