-7 मोबाईल, वाई-फाई डोंग, चैकबुक, 62 एटीएम कार्ड, 28 सिमकार्ड जप्त भोपाल(ईएमएस)। राजधनी भोपाल की साईबर क्राइम ब्रांच टीम ने कोईनसाला कंपनी के आईपीओ में इन्वेस्टमेंट फ्रॉड से संबंधित तीन अंतर्राज्यीय आरोपियों को जोधपुर राजस्थान से गिरफ्तार किया है। शातिर आरोपी ऐसे कॉलेज स्टूडेंट्स को अपने जाल में फसांते जिन्हें रूपये की जरूरत होती उन्हें जाल में फंसाकर आरोपी उनके कागजात का इस्तेमाल कर बैंक खाता खुलवाते थे। बैंक खाता खुलवाने के बाद शातिर फ्रॉड के रूपये डलवाने के लिए इन खातो को आगे अन्य फरार आरोपियों को दे देते थे। आरोपी खाता धारक से बैंक खाता जानकारी लेने के बाद वाई-फाई डोंगल से एक्टिवेट नेट बैंकिग करते थे। शातिर जालसाज पुलिस से बचने के लिए इंटरनेट का उपयोग सिमकार्ड से न करते हुए वाई-फाई डोंगल से करते थे। पुलिस ने गिरोह के पास से सिमकार्ड, एटीएम कार्ड, मोबाईल फोन एवं बैंक चैकबुक जप्त की है। एडीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया की 20 अक्टूबर 2024 को सुरजकुंज अवधपुरी भोपाल निवासी फरियादी सुधीर सिंह पिता राज नायक सिंह (38) ने लिखित शिकायत करते हुए बताया की वह सितम्बर 2024 में टेलीग्राम के माध्यम से कोईनसाला मीडिया(इण्डिया) प्रायवेट लिमिटेड से जुड़ा। यह कंपनी क्रिप्टो का लेन देन करती है जिसमें शुरूआत में फरियादी द्वारा 2, 5 एवं 8 हजार रूपये इन्वेस्ट किये जिसके बदले में उसे कुछ ही दिन में 20 हजार रूपये का रिटर्न प्राप्त हुआ। इसके बाद फरियादी को एक टेलीग्राम पर एक अलग ग्रुप तैयार कर उसमें इन्वेस्टमेंट संबंधी एक्टिविटीज करवायी जाती है। इन एक्टिविटीज में फरियादी को एमाउण्ट इन्वेस्ट कर पार्टिसिपेट करने के बारे में बताया जाता है। जिसमें फरियादी ने 50 हजार, 30 हजार और 1 लाख 20 हजार रूपये इन्वेस्ट किये। अब रूपये इन्वेस्ट करने के बाद जब विड्राल करने की कोशिश की तो उसको बताया गया कि आपको अभी एक एक्टिविटी में पार्टिसिपेट करना है जिसका इन्वेस्टमेंट एमाउण्ट 3 लाख 60 हजार रूपये है। फरियादी ने जैसै-तैसै उक्त एक्टिविटी में भी पार्टिसिपेट कर लिया एवं इसके बाद भी रूपये विड्राल करने का प्रयास किया तो फिर से एक नये एक्टिविटी में 6 लाख 80 हजार रूपये इन्वेस्ट करने के लिये बताया गया। फरियादी द्वारा पहले से किया गया एमाउण्ट का अच्छा रिटर्न एप के डैशबोर्ड पर दिखाया जा रहा था। इस तरह फरियादी को पूरा भरोसा दिलाया गया कि यदि यह एमाउण्ट को इन्वेस्ट कर देता है, तो उसको बहुत ही अच्छा रिटर्न मिलेगा। जिसके बाद फरियादी द्वारा यह एमाउण्ट भी इन्वेस्ट कर दिया इसके बाद रूपये विड्राल करने पर एक नये एमाउण्ट इनवेस्टमेंट एक्टिविटी के लिए बोला गया। इस तरह कई किस्तो में रूपये इन्वेस्ट कराने के नाम पर उसके साथ 18 लाख 60 हजार रूपये की धोखाधड़ी कर ली गयी। आवेदन की जांच के बाद 8 फरवरी 2025 को मामला कायम कर आगे की जॉच शुरु की गई। सायबर क्राईम टीम ने तकनीकी एनालिसिस के दौरान हाथ लगे सुरागो के आधार पर आरोपी नरेंद्र, निम्बाराम एवं चंदन मांझी को जोधपुर, राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया। * ऐसे काम करते थे आरोपी आरोपी नरेंद्र द्वारा अपने भाई के पहले से खुले बंधन बैंक खाता को आरोपी निम्बाराम को 10 हजार रूपये में बेचना बताया। अभी तक मुख्य आरोपी निम्बाराम द्वारा 50 से अधिक बैंक खाते आगे फरार आरोपी बीराराम (परिवर्तित) को देना बताया। यह लोग गरीब एवं कॉलेज स्टूडेंट की रूपये की लालच देकर उनके कागजातों का इस्तेमाल कर ऑनलाईन एवं ऑफलाईन बैंक खाता खुलवाते है। और सिमकार्ड भी इन्ही के नाम पर लेते है। इसके बाद उस बैंक खाते में नेटबैंकिंग को शुरू करने के लिए अपने मोबाईल के सिमकार्ड के इटरनेट का इस्तेमाल न करते हुए इसके लिए अलग से वाई-फाई डोंगल का इस्तेमाल करते है। जिसके व पुलिस से बच सके। इसके बाद फरार आरोपी उन बैंक खातों में कहां से कैसे रूपये डलवाने है,यह काम करता है। वहीं गिरफ्तार खाता धारक चंदन मांझी ने रूपयों की लालच में अपना बैंक खाता खुलवाया और उस एकाउंट में फरियादी से ठगी गई रकम जमा कराई गई थी। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 7 मोबाईल फोन, सिमकार्ड, 2 वाई-फाई डोंगल डिवाईस, 5 चैकबुक, 62 एटीएम कार्ड, 28 सिमकार्ड जप्त किये गये हैं। जुनेद / 12 जून