राष्ट्रीय
13-Jun-2025
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-ट्रायल पास करना ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की एक नई उपलब्धि नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारतीय सेना की ताकत में जल्द ही एक और अत्याधुनिक हथियार शामिल होने वाला है। सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड द्वारा विकसित हाइब्रिड वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग रुद्रास्त्र यूएवी ने 11 जून को पोखरण फायरिंग रेंज में हुए ट्रायल्स में अच्छा प्रदर्शन किया। इस सफलता को भारतीय सेना की आत्मनिर्भर की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। ‘रुद्रास्त्र’ का ट्रायल ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थितियों को देखते हुए और भी अहम है, जब भारत ने पहली बार नॉन-कॉन्टैक्ट मिलिट्री ऑपरेशंस में ड्रोन, मिसाइल और स्मार्ट मुनिशंस का प्रयोग किया। अब सेना और ज्यादा प्रभावी, सटीक और दूरगामी की ओर अग्रसर है, जिसमें रुद्रास्त्र सबसे अहम कड़ी बन सकता है। ट्रायल के दौरान इस यूएवी ने 50 किलोमीटर से ज्यादा की मिशन रेडियस पर लगातार स्थिर रियल-टाइम वीडियो फीड बनाए रखा। इसकी कुल उड़ान सीमा 170 किलोमीटर से ज्यादा है, जिसमें लक्ष्य क्षेत्र में लॉयटरिंग की अवधि भी शामिल थी। करीब 1.5 घंटे की उड़ान क्षमता वाला रुद्रास्त्र बिना किसी गड़बड़ी के मिशन समाप्त कर लॉन्च पॉइंट पर लौट आया। तकनीकी दृष्टि से रुद्रास्त्र बेहद उन्नत यूएवी है। इसमें लंबी एंड्योरेंस, प्रिसिजन टारगेटिंग, तेज और सटीक टेक-ऑफ व लैंडिंग के साथ दुर्गम इलाकों में निगरानी और मिशन संचालन की क्षमता है। यह न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी और जासूसी कर सकता है, बल्कि समय आने पर दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है। रुद्रास्त्र का ट्रायल पास करना ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की एक उपलब्धि है। भारतीय सेना पहले से कई विदेशी और स्वदेशी का उपयोग कर रही है, लेकिन रुद्रास्त्र नवीनतम स्वदेशी तकनीक से लैस है। यदि आने वाले महीनों में इसके बाकी मूल्यांकन भी सफल रहते हैं, तो यह यूएवी सेना के बेड़े में शामिल होकर पाकिस्तान और अन्य शत्रु देशों के खिलाफ भारत की रणनीतिक बढ़त को और मजबूत कर सकता है। सिराज/ईएमएस 13 जून 2025