राष्ट्रीय
13-Jun-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली-एनसीआर में मौसम का मिजाज़ हर साल एक्सट्रीम हो जाता है। एक ओर प्रचंड गर्मी, दूसरी ओर डुबाने वाली बारिश और फिर कड़कड़ाती सर्दी। आइए समझते हैं कि दिल्ली-एनसीआर का मौसम इतना एक्सट्रीम क्यों है? इसके पीछे क्या कारण हैं? जलवायु परिवर्तन: ग्लोबल वार्मिंग की वजह से तापमान लगातार बढ़ रहा है। 2025 में गर्मी का असर पहले से ज्यादा दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, चरम मौसम की घटनाएं अधिक बार और तेज हो रही हैं। दिल्ली में क्रांकीट के जंगलों और वाहनों की बढ़ती संख्या ने हीट आइलैंड बना दिया है। शहर का तापमान ग्रामीण इलाकों की तुलना में ज्यादा होता है। कांक्रीट और अस्फाल्ट दिन के दौरान गर्मी सोखते हैं। रात में छोड़ते हैं, जिससे रातें भी गर्म होती हैं। गर्मी के दिनों में आर्द्रता बढ़ जाती है, जिससे फील लाइक टेंपरेचर और ज्यादा हो जाता है। 11 जून 2025 को 43.4 डिग्री तापमान और 70 प्रतिशत आर्द्रता ने फील लाइक टेंपरेचर 48.9 डिग्री तक पहुंचा दिया। यह स्थिति शरीर को ठंडा रखने में मुश्किल पैदा करती है, क्योंकि पसीना भाप बनकर उड़ नहीं पाता। मॉनसून का असर: जुलाई-अगस्त में मॉनसून बारिश लाता है, लेकिन कई बार यह बहुत ज्यादा होती है। 2024 में एक दिन में 228 मिमी बारिश हुई, जिससे सड़कों पर पानी भर गया और बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। इतना ही नहीं दिल्ली में ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं है, जिससे बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। यह स्थिति ट्रैफिक जाम और लोगों के लिए परेशानी बढ़ाती है। देश की राजधानी दिल्ली में अक्सर थंडरस्टॉर्म्स के दौरान बहुत ज्यादा बारिश होती है, जिससे स्थिति और खराब हो जाती है। 2023 में एक थंडरस्टॉर्म ने 24 घंटों में 150 मिमी बारिश लाकर सड़कों को जलमग्न कर दिया। सर्दी: क्यों इतनी कड़कड़ाती? दिल्ली में दिसंबर-जनवरी में शीत लहरें आती हैं, जो साइबेरिया से ठंडी हवाओं को लेकर आती हैं। 2023 में जनवरी में न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। सर्दियों में फॉग और स्मॉग की वजह से तापमान और ज्यादा गिर जाता है। विजिबिलिटी कम होती है। यह स्थिति ट्रैफिक और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। जहां सर्दियों में उच्च वायुमंडलीय दबाव की वजह से हवाएं स्थिर हो जाती हैं, जिससे ठंड और बढ़ती है। आशीष/ईएमएस 13 जून 2025