क्षेत्रीय
13-Jun-2025
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गर्मी से मिली राहत, लेकिन तेज आंधी-तूफान और झमाझम बारिश से जिले में भारी नुकसान गुना (ईएमएस)| जिले में सीजन की पहली बारिश ने जहां भीषण गर्मी और उमस से राहत दी, वहीं तेज हवाओं और भारी बारिश ने पूरे जिले में जमकर कहर भी बरपाया। दोपहर करीब 3 बजे अचानक मौसम ने करवट बदली और तेज आंधी के साथ बरसात शुरू हो गई, जो करीब एक घंटे तक लगातार जारी रही। बारिश के साथ गरज-चमक और तूफानी हवाओं ने गुना शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक व्यापक नुकसान पहुंचाया। शहर की सडक़ों से लेकर मोहल्लों, गलियों और सरकारी परिसरों तक हर जगह बारिश के बाद का मंजर तबाही भरा रहा। वर्षों पुराने पेड़ धराशायी हो गए, बिजली पोल टूटकर गिरे, कई कच्चे मकानों की छतें उड़ गईं और मुख्य मार्गों पर बेतहाशा जलभराव देखने को मिला। गुना शहर में बिगड़े हालात गुना नगर के विभिन्न इलाकों में तेज आंधी और बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। जाट मोहल्ला, मंदिर घाट क्षेत्र में एक पुराना पीपल का पेड़ गिर गया, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। वहीं, विकास नगर और कुशमौदा इलाके में कई कच्चे मकानों के टीनशेड उड़ गए, जिससे लोग दहशत में आ गए। राधा कॉलोनी में एक विशाल पेड़ एक मकान पर गिरा, हालांकि गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। प्रधान डाकघर के पास नीम का पेड़ गिरकर सडक़ पर आ गया, जिससे यातायात बाधित हुआ। जयस्तंभ चौक स्थित पुराने आरटीओ कार्यालय की लोहे की बाउंड्री तेज हवाओं में ढह गई, जिससे कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए। वहीं, शहर के प्रमुख मार्गों जयस्तंभ चौराहा, अस्पताल चौराहा, हनुमान चौराहा, पुरानी गल्ला मंडी, श्रीराम कॉलोनी और कर्नलगंज में कुछ ही समय में जलभराव हो गया। यह स्थिति नालियों की समय पर सफाई न होने के कारण बनी। गंदा पानी सडक़ों पर बहने लगा, जिससे राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कलेक्ट्रेट भवन भी चढ़ा पानी की चपेट में गुना शहर में करोड़ों रुपए की लागत से बनी नवीन कलेक्ट्रेट बिल्डिंग भी बारिश की मार से अछूती नहीं रही। तेज बारिश के चलते नीचे से लेकर ऊपरी बरामदों और हॉल तक पानी भर गया। बिल्डिंग की सीलिंग से टपकता पानी और फर्श पर जमा जल नगर निगम की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करता है। प्रशासन की अनदेखी का यह बड़ा उदाहरण बन गया है कि लाखों-करोड़ों की लागत से तैयार इमारत बारिश की पहली दस्तक में ही पानी-पानी हो गई। ग्रामीण अंचलों में भी तबाही के मंजर गुना जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में तेज हवाओं और बारिश ने और भी ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। कई गांवों में कच्चे मकान आंशिक रूप से या पूरी तरह ढह गए। खप्पर, चद्दर और कवेलू तूफानी हवाओं के चलते उड़ गए, जिससे कई परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए। वहीं म्याना में बिजली पोल घर पर गिया। जबकि गांव की सडक़ों पर बिजली पोल आड़े गिर गए। घरों में पानी भर गया, जानवरों के बाड़े टूट गए और खेतों में खड़ी फसलें भी प्रभावित हुईं। म्याना क्षेत्र में बिजली का एक पोल गिरकर एक घर पर जा गिरा। जिले के अन्य हिस्सों से भी पेड़ गिरने, तार टूटने और ट्रांसफॉर्मर फुंकने जैसी खबरें आई हैं, जिससे विद्युत आपूर्ति पूरी तरह चरमरा गई। गर्मी से राहत, लेकिन बारिश बनी आफत गौरतलब है कि बारिश से कुछ घंटे पहले तक जिलेभर में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास था। उमस और गर्मी ने जनजीवन को बेहाल कर रखा था, लोग कूलर और एसी तक से राहत नहीं पा रहे थे। ऐसे में बारिश ने जहां ठंडक पहुंचाई, वहीं उससे जुड़ी तबाही ने चिंता भी बढ़ा दी। नगरपालिका की पोल खुली बारिश के चलते जहां शहर के नागरिकों को राहत मिली, वहीं नगर पालिका की तैयारियों की पोल भी पूरी तरह खुल गई। जल निकासी के समुचित प्रबंध न होने और नालियों की समय पर सफाई न होने से पूरे शहर में जलभराव की स्थिति बन गई। नागरिकों ने मांग की है कि आगामी मानसून की दृष्टि से नगर पालिका और जिला प्रशासन तत्काल हर वार्ड की नालियों की सफाई कराए, ताकि भविष्य में जनहानि या बड़ी परेशानी न हो। बहरहाल इस पहली तेज बारिश ने ही यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि समय रहते नगर प्रशासन ने पर्याप्त तैयारी नहीं की, तो आने वाले दिनों में और अधिक भयंकर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जिला प्रशासन को चाहिए कि नालों की सफाई, पेड़ों की छंटाई, विद्युत व्यवस्था और शहरी एवं ग्रामीण आपदा प्रबंधन पर तत्काल ठोस कार्रवाई करे, ताकि अगली बारिश लोगों के लिए राहत बने, आफत नहीं।-  सीताराम नाटानी (ईएमएस)