क्षेत्रीय
13-Jun-2025
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गुना (ईएमएस)|अहमदाबाद में हाल ही में हुए फ्लाइट क्रैश की दर्दनाक घटना से जहां देशभर में सनसनी है, वहीं गुना शहर में स्थित शा-शिब फ्लाइंग अकादमी के ट्रेनी विमान अब भी रिहायशी इलाकों के आसमान में बेरोकटोक उड़ते देखे जा रहे हैं। यह स्थिति नागरिकों के लिए खतरे की घंटी बनती जा रही है, लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन और संबंधित विभाग आंख मूंदे बैठे हैं। गौरतलब है कि गुना शहर के बीचोंबीच बसे कैंट क्षेत्र, नानाखेड़ी, भगत सिंह कॉलोनी, बायपास से लेकर सिलावटी, बीलाबावड़ी जैसे घनी आबादी वाले इलाकों के ऊपर अक्सर ट्रेनी पायलटों द्वारा उड़ाए जा रहे छोटे विमान सुबह-शाम मंडराते नजर आते हैं। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब नागरिकों को याद आता है कि कुछ वर्ष पूर्व यहां एक ट्रेनी विमान तकनीकी खराबी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है। उस समय भी इस विषय को लेकर जनप्रतिनिधियों और आम लोगों ने चिंता जताई थी, लेकिन आज तक हालात में कोई बदलाव नहीं आया है। दुर्घटना की पुनरावृत्ति का डर नानाखेड़ी क्षेत्र के निवासी नागरिकों का कहना है कि हर बार जब विमान सिर के ऊपर से गुजरता है, तो एक पल के लिए सभी की सांसें थम जाती हैं। रिहायशी क्षेत्र में विमान उड़ान से न केवल जानमाल का खतरा है, बल्कि इससे मानसिक दबाव भी उत्पन्न होता है। नागरिकों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। प्रशिक्षण के नाम पर खतरा शा-शिब फ्लाइंग अकादमी, जो देशभर के ट्रेनी पायलटों को प्रशिक्षण देने का दावा करती है, गुना जैसे छोटे शहर में वर्षों से संचालित हो रही है। प्रशिक्षण उड़ानों के लिए उनके पास छोटे सिंगल इंजन विमान हैं, जिन्हें ट्रेनी पायलटों द्वारा नियमित रूप से उड़ाया जाता है। लेकिन ये उड़ानें रिहायशी इलाकों के ऊपर दी जा रही हैं, जो नियमानुसार वायु सुरक्षा और नागरिक संरक्षा के प्रावधानों के प्रतिकूल है। प्रशासनिक चुप्पी खतरनाक सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब पूर्व में दुर्घटना हो चुकी है, और अहमदाबाद जैसी ताजा घटनाएं लोगों के सामने हैं, तो गुना प्रशासन क्या किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहा है? क्या प्रशासनिक तंत्र तभी जागेगा जब जान-माल की बड़ी हानि होगी? नागरिकों की मांग गुना के नागरिकों ने मांग की है कि ट्रेनी विमान की उड़ानें रिहायशी क्षेत्रों से दूर कराई जाएं। इसके लिए फ्लाइंग अकादमी को वैकल्पिक प्रशिक्षण मार्ग और सुरक्षित हवाई गलियारे मुहैया कराए जाएं। साथ ही प्रशासन और डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) को इस विषय पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। यदि प्रशासन समय रहते नहीं जागा तो गुना भी भविष्य में किसी बड़े हवाई हादसे का गवाह बन सकता है। अहमदाबाद की घटना एक चेतावनी है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। जिम्मेदार एजेंसियों को अब नींद से जागकर कार्रवाई करनी होगी, ताकि शहरवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। सीताराम नाटानी /ईएमएस/13जून2025