राष्ट्रीय
14-Jun-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। आजकल अनहेल्दी खानपान और सूरज की रोशनी से दूरी जैसे कारणों के चलते शरीर में कई ज़रूरी विटामिन्स की मात्रा कम हो जाती है। हैल्थ एक्सपटर्स के अनुसार, विटामिन सी, विटामिन डी और विटामिन बी12 ऐसे पोषक तत्व हैं, जिनकी कमी से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता से लेकर मानसिक और हड्डियों की सेहत तक पर गंभीर असर पड़ सकता है। विटामिन डी को सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है, क्योंकि यह मुख्य रूप से सूरज की रोशनी से मिलता है। यह हड्डियों की मजबूती, इम्यून सिस्टम के बेहतर कामकाज और मूड को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी से जोड़ों में दर्द, थकावट और डिप्रेशन जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। भारत में बड़ी आबादी इस विटामिन की कमी से जूझ रही है। विशेषज्ञों की मानें तो विटामिन डी की पूर्ति के लिए रोजाना 15–20 मिनट तक सुबह की हल्की धूप लेना चाहिए। इसके अलावा अंडा, मछली, दूध और मशरूम जैसे खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करना चाहिए। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट भी लिया जा सकता है। दूसरी ओर, विटामिन बी12 की भूमिका नसों की कार्यप्रणाली, मस्तिष्क के स्वास्थ्य और रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में होती है। इसकी कमी से शरीर में कमजोरी, चक्कर आना, स्मरण शक्ति में कमी और हाथ-पैरों में झनझनाहट जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह विटामिन मुख्य रूप से नॉनवेज फूड्स जैसे अंडा, मछली, चिकन और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। चूंकि यह शाकाहारी स्रोतों में कम होता है, इसलिए शुद्ध शाकाहारी लोगों में इसकी कमी ज्यादा देखी जाती है। ऐसे में उन्हें बी12 से फोर्टिफाइड फूड्स या डॉक्टर द्वारा बताए गए सप्लीमेंट का सेवन करना चाहिए। गर्मियों में नींबू पानी और आंवला जूस को डाइट में शामिल करना फायदेमंद साबित हो सकता है। इन जरूरी विटामिन्स की पूर्ति कर न केवल शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है, बल्कि गंभीर बीमारियों से भी बचा जा सकता है। वहीं विटामिन सी, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, घाव भरने, त्वचा की सेहत बनाए रखने और शरीर में आयरन के बेहतर अवशोषण में मदद करता है। इसकी कमी से मसूड़ों से खून आना, थकान और त्वचा से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। नींबू, आंवला, संतरा, अमरूद, कीवी जैसे फलों के अलावा टमाटर, शिमला मिर्च और हरी पत्तेदार सब्जियां विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं। सुदामा/ईएमएस 14 जून 2025