राष्ट्रीय
14-Jun-2025
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-जल्दबाजी और मिसकम्युनिकेशन के चली गई थी 586 लोगों की जान नई दिल्ली,(ईएमएस)। अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश हुआ है। इसमें गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी समेत 242 पैसेंजर सवार थे। 100 से ज्यादा शव बरामद कर लिए गए हैं। हालांकि अभी तक आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। बता दें भारत का अब तक का सबसे बड़ा प्लेन हादसा 12 नवम्बर 1996 को हुआ था, जिसे चरखी दादरी विमान हादसा कहा जाता है। यह हादसा हरियाणा के चरखी दादरी के पास उस समय हुआ, जब दो प्लेन एक-दूसरे से टकरा गए थे। इस टक्कर में दोनों विमानों में सवार सभी 349 लोगों की मौत हो गई थी। यह दुर्घटना पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के बीच गलतफहमी और ऊंचाई की जानकारी न समझ पाने के कारण हुई थी। 1 जनवरी 1978 को मुंबई से उड़ान भरते ही बोइंग 747 विमान अरब सागर में गिर गया। दिशा भ्रम और तकनीकी खराबी के कारण हुए इस हादसे में 213 लोगों की जान चली गई थी। विमान मुंबई से दुबई जा रहा था। वहीं 22 मई 2010 को एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट 812 दुबई से कर्नाटक आ रही थी। विमान में 166 लोग सवार थे। लैंडिंग के समय मौसम ठीक था, लेकिन रनवे छोटा और थोड़ा ऊंचाई पर था। पायलट ने विमान को जमीन पर देर से उतारा, जिससे ब्रेक लगाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं बची थी जिससे विमान रनवे से आगे फिसल गया और खाई में गिरकर दो हिस्सों में टूट गया। इस हादसे में 158 लोगों की मौत हो गई थी। जांच में सामने आया कि पायलट बहुत थके हुए थे और समय पर फैसला नहीं ले सके, जिससे यह दुर्घटना हुई। 26 अप्रैल 1993 को इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 491 औरंगाबाद से मुंबई जा रही थी। जैसे ही विमान ने उड़ान भरी, उसी समय रनवे पर एक ट्रक मौजूद था। पायलट को ट्रक समय पर दिखाई नहीं दिया और विमान उससे टकरा गया। टक्कर के बाद विमान में आग लग गई और वह टूट गया। हादसे में 55 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हुए थे। केरल के कोझिकोड में 7 अगस्त 2020 को एअर इंडिया एक्सप्रेस का विमान रनवे से फिसलकर क्रैश हो गया। इसमें 21 यात्रियों की मौत हुई थी, जबकि 110 यात्री घायल हुए थे। इसमें कोरोना के दौरान वंदे भारत मिशन के तहत दुबई से भारतीयों को लाया जा रहा था। वहीं स्पेन में 27 मार्च 1977 को केएलएम फ्लाइट 4805 और पैन एम फ्लाइट 1736 को स्पेन के लॉस पामास एयरपोर्ट पर उतरना था, लेकिन बम धमाके के चलते दोनों फ्लाइट्स को लॉस रोडियोस एयरपोर्ट पर डायवर्ट कर दिया। वहां ट्रैफिक बढ़ गया और अव्यवस्था फैल गई। जल्दबाजी और मिसकम्युनिकेशन की वजह से दोनों बोइंग 747 विमान एक ही रनवे पर आ गए और टकरा गए। इस हादसे में 586 लोगों की मौत हो गई थी, जो अब तक का दुनिया का सबसे घातक विमान हादसा माना जाता है। 12 अगस्त 1985 को जापान एयरलाइंस का बोइंग 123 विमान उड़ान के थोड़ी देर बाद पहाड़ी क्षेत्र ने क्रैश हो गया। दरअसल, विमान का प्रेशर सिस्टम फेल हो गया और पायलट विमान को कंट्रोल नहीं कर सके। हादसे में 520 लोगों की जान चली गई और यह अब तक का सबसे बड़ा सिंगल-प्लेन क्रैश माना जाता है। 3 मार्च 1974 को तुर्कीश एयरलाइंस का डीसी-10 विमान पेरिस के पास जंगल में गिर गया। उड़ान के दौरान केबिन का दरवाजा अचानक टूट गया, जिससे एयर प्रेशर बिगड़ गया और विमान का कंट्रोल खो गया। इस हादसे में 346 लोगों की मौत हो गई। बाद में जांच में पाया कि यह विमान डिजाइन की एक गंभीर गलती का परिणाम था। वहीं 19 अगस्त 1980 को सऊदी एयरलाइंस के लॉकहीड ट्राइस्टार विमान के रियाद से उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद उसके केबिन में आग लग गई। पायलट ने विमान को सुरक्षित उतार लिया, लेकिन विमान को समय रहते खाली नहीं कराया जा सका। नतीजा यह हुआ कि अंदर मौजूद सभी 301 यात्रियों की दम घुटने से मौत हो गई। इंडोनेशिया में 29 अक्टूबर 2018 को जकार्ता से पांकल पिनांग शहर जा रहा एक यात्री विमान उड़ान भरने के 13 मिनट बाद समुद्र में क्रैश हो गया। इसमें प्लेन में मौजूद सभी 189 लोगों की मौत हो गई। यह बोइंग 737 मैक्स 8 विमान था। इस क्रैश की मुख्य वजह विमान की तकनीकी खराबी थी। साल 2024 में 8 बड़े विमान हादसे हुए, जिसमें 402 लोगों ने जान गंवाई हैं। ज्यादातर हादसे खराब मौसम या प्लेन के इंजन में खराबी के कारण हुए। 19 मई 2024 को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलिकॉप्टर खराब मौसम की वजह से क्रैश हो गया था। इस हादसे में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन समेत 9 लोगों की मौत हो गई थी। सिराज/ईएमएस 14 जून 2025