नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत में साल 2024 अब तक के इतिहास का सबसे गर्म साल साबित हुआ है। दिल्ली, चुरू और बाड़मेर जैसे शहरों में भी पारा 48 से 50 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया। वहीं राजस्थान के जैसलमेर में तापमान 54 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जो एक भयावह संकेत है। संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट ने आगाह किया है कि आने वाले पांच सालों में किसी एक साल का तापमान 2024 से भी अधिक हो सकता है। लगातार बढ़ती इस भीषण गर्मी ने लोगों की दिनचर्या और जीवनशैली को बुरी तरह प्रभावित किया है। ऐसे हालात में एयर कंडीशनर (एसी) अब केवल विलासिता की वस्तु नहीं रह गया है, बल्कि एक आवश्यक जरूरत बन चुका है। लेकिन इस जरूरत के साथ ऊर्जा खपत, पर्यावरणीय प्रभाव और बिजली की एसी मांग भी बढ़ रही है। इन्हीं कारणों से अब सरकारें एसी के तापमान को लेकर नियम बनाने लगी हैं, ताकि ऊर्जा की बचत हो सके और पर्यावरण पर बोझ न बढ़े। भारत सरकार ने भी इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी की है। प्रस्ताव है कि देश में एसी का न्यूनतम तापमान 20 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच निर्धारित किया जाएगा, जिसे 2025-26 से केंद्र और राज्य सरकारों के कार्यालयों में लागू किया जा सकता है। भारत में ज्यादातर एयर कंडीशनर 16 डिग्री से कम तापमान पर सेट नहीं किए जा सकते क्योंकि इससे मशीन के इवैपोरेटर पर बर्फ जमने का खतरा होता है, जिससे डिवाइस खराब हो सकती है। हालांकि अब इसे नियंत्रित करने के लिए एक ठोस नीति बनाने की जरूरत महसूस की जा रही है। दुनिया के कई देशों में इस तरह के नियम पहले से लागू हैं। जापान में एयर कंडीशनिंग का डिफॉल्ट तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तय किया गया है, जिससे ऊर्जा की खपत घटे और पर्यावरणीय संतुलन बना रहे। यह नियम खासतौर पर सरकारी और सार्वजनिक इमारतों में सख्ती से लागू किया जाता है। इटली में “ऑपरेशन थर्मोस्टेट” नामक सरकारी योजना के तहत सभी सार्वजनिक इमारतों में एसी का न्यूनतम तापमान 25 डिग्री रखा गया है। इसी तरह स्पेन में 2022 से एसी के तापमान को 27 डिग्री से नीचे नहीं रखा जा सकता, ताकि ऊर्जा संकट से निपटा जा सके। बेल्जियम में भी गर्मियों में सार्वजनिक इमारतों में एसी का तापमान 27 डिग्री से कम नहीं हो सकता, जबकि सर्दियों में हीटिंग अधिकतम 19 डिग्री तक सीमित है। यूनाइटेड किंगडम में 24 डिग्री को आदर्श तापमान माना गया है, हालांकि वहां यह कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है, बल्कि एक सुझाव के रूप में लागू है। अमेरिका में कैलिफोर्निया राज्य में सार्वजनिक इमारतों में तापमान 25.6 डिग्री से कम नहीं किया जाता, जबकि एनर्जी स्टार प्रोग्राम घरेलू उपयोग के लिए 25.5 डिग्री तापमान की सिफारिश करता है। सिंगापुर ने “गो 25” नाम की एक सरकारी पहल शुरू की है, जिसमें सार्वजनिक भवनों और कार्यालयों में एसी का तापमान 24 से 26 डिग्री के बीच रखने की सलाह दी जाती है। ऑस्ट्रेलिया में एसी तापमान को लेकर कोई सख्त कानूनी प्रावधान नहीं है, लेकिन सरकारी दिशानिर्देश 23 से 25 डिग्री तापमान बनाए रखने की सलाह देते हैं। वहीं, चीन और दक्षिण कोरिया में सरकारी और सार्वजनिक इमारतों के लिए 26 डिग्री की न्यूनतम सीमा तय की गई है, जिसे गर्मियों में सख्ती से लागू किया जाता है। यह नीतियां ऊर्जा की खपत को कम करने और पर्यावरणीय प्रभाव को नियंत्रित करने की दिशा में उठाए गए गंभीर कदम हैं। अब भारत भी इन्हीं देशों की तर्ज पर आगे बढ़ रहा है। सुदामा/ईएमएस 14 जून 2025