व्यापार
14-Jun-2025


- भारत की रेयर अर्थ प्रोसेसिंग की क्षमता में वृद्धि होगी नई ‎दिल्ली (ईएमएस)। भारत सरकार ने अपनी रेयर अर्थ मेटल्स को घरेलू जरूरतों के लिए बचाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इसके तहत, सरकार ने स्टेट-रन कंपनी इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड (आईआरईएल) से जापान के साथ 13 साल पुराने निर्यात समझौते को रोकने के लिए कहा है। जापान का यह इस्तेमाल होता है इलेक्ट्रिक वाहनों के मोटर में। वा‎णिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में आईआरईएल को रेयर अर्थ, खासकर नियोडिमियम, का निर्यात रोकने को कहा है। इससे भारत की रेयर अर्थ प्रोसेसिंग की क्षमता में वृद्धि होगी। यह भी उजागर करना जरूरी है कि भारत की जरूरतें हों तो उन्हें अपने अंदर ही पूरा किया जा सके। आईआरईएल की ओर से यह कदम भारत की स्वायत्तता और उसकी मजबूती का प्रतीक है। आने वाले समय में हमें देखने को मिलेगा कि कैसे यह फैसला भारतीय रेयर अर्थ उद्योग को एक नई दिशा देगा। बता दें कि भारत के पास दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा रेयर अर्थ मेटल्स रिजर्व है, जो 6.9 मिलियन मीट्रिक टन है, लेकिन अभी मैग्नेट प्रोडक्शन की कोई घरेलू व्यवस्था नहीं है। मार्च 2025 तक भारत ने 53,748 मीट्रिक टन रेयर अर्थ मैग्नेट आयात किए, जो ज्यादातर चीन से आए। आईआरईएल ओडिशा में एक एक्सट्रैक्शन प्लांट और केरल में एक रिफाइनिंग यूनिट चलाता है। कंपनी मार्च 2026 तक 450 मीट्रिक टन नियोडिमियम निकालने की योजना बना रही है और 2030 तक इसे दोगुना करने का लक्ष्य है। आईआरईएल ऑटो और फार्मा इंडस्ट्री के लिए मैग्नेट प्रोडक्शन के लिए र्पोरेट पार्टनर भी ढूंढ रहा है। साथ ही सरकार रेयर अर्थ मेटल्स प्रोसेसिंग और मैग्नेट प्रोडक्शन के लिए कंपनियों को इंसेंटिव देने की योजना बना रही है, ताकि घरेलू डिमांड पूरी की जा सके। सतीश मोरे/14जून ---