खेल
14-Jun-2025


मुंबई (ईएमएस)। दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच लॉर्ड्स में खेले जा रहे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल की पिच को लेकर पूर्व क्रिकेटर और विश्लेषक आकाश चोपड़ा ने बड़ा सवाल उठाया है। वेस्टर्न मीडिया पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए आकाश ने कहा है कि यदि भारत में ऐसी पिच होती, जहां दो दिन में 28 विकेट गिर जाते, तो काफी आलोचना होती, लेकिन इंग्लैंड में इसे चुनौतीपूर्ण पिच कहकर नजरअंदाज कर दिया जा रहा है। चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि लॉर्ड्स टेस्ट के शुरुआती दो दिनों में ही 28 विकेट गिर चुके हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि मैच तीसरे दिन ही समाप्त हो सकता है। उन्होंने पूछा कि अगर भारत में ऐसा होता, तो क्या वेस्टर्न मीडिया चुप रहता? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भारत में जब गेंद टर्न लेने लगती है और बल्लेबाज संघर्ष करते हैं, तो पिच की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जाते हैं और भारत पर टेस्ट क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया जाता है। लेकिन जब इंग्लैंड में सीम मूवमेंट और उछाल की वजह से विकेट गिरते हैं, तो उसे क्रिकेट की सुंदरता बताया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि बल्लेबाजों की खराब तकनीक को भारत में पिच की खामी बताया जाता है, जबकि वही तकनीकी कमजोरी इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया में नजर आने पर उसे सामान्य मान लिया जाता है। चोपड़ा ने इस बात पर चिंता जताई कि भारतीय पिचों को लेकर हमेशा एक नकारात्मक धारणा बनाई जाती है, जबकि विदेशी पिचों को लेकर आलोचना नहीं होती। आकाश चोपड़ा का यह बयान तब आया है जब लॉर्ड्स टेस्ट में अब तक गेंदबाज पूरी तरह हावी रहे हैं और बल्लेबाजों के लिए टिकना बेहद मुश्किल हो रहा है। उनका मानना है कि क्रिकेट में विविधता होना जरूरी है, लेकिन उस विविधता को स्वीकार करने का नजरिया भी निष्पक्ष होना चाहिए। उन्होंने अंत में कहा कि अगर एक जैसी परिस्थितियों में अलग-अलग मानदंड अपनाए जाएंगे, तो यह खेल की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है। चोपड़ा की टिप्पणी ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पिचों को लेकर चल रही बहस को हवा दे दी है। सुदामा नरवरे/14 जून 2025