इन्दौर (ईएमएस) विशेष न्यायाधीश शिप्रा पटेल की कोर्ट ने सोशल साइट्स पर कट्टरपंथी विचारधारा वाले वीडियो अपलोड कर सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने का प्रयास करने के आरोप में गिरफ्तार नाबालिग को जमानत देने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने दायर क्रिमिनल अपील खारिज करते नाबालिग आरोपी को डिफॉल्ट बेल पाने का हकदार नहीं माना। प्रकरण कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि 14 दिसंबर 2024 को मोहम्मद जमाल व मोहम्मद अबू कासिम नामक दो युवकों को सोशल साइट्स पर विडियो अपलोड कर साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के आरोप में खजराना थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने उनकी निशानदेही पर एक नाबालिग को भी गिरफ्तार कर मोबाइल, सिम आदि भी बरामद किए थे। पकड़े जाने के बाद नाबालिग आरोपी को बाल संप्रेषण गृह भेज दिया गया था। मामले में नाबालिग के परिजनों की ओर से किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष जमानत अर्जी दायर कर इस आधार पर सुपुर्द करने का आग्रह किया गया था कि पुलिस ने 90 दिन की तय अवधि के बाद केस में चालान पेश कर दिया है। इसके चलते आरोपी डिफॉल्ट बेल पाने का हकदार है। बोर्ड ने उनका आवेदन निरस्त कर दिया था। बोर्ड के आवेदन निरस्त आदेश के विरुद्ध जिला कोर्ट में क्रिमिनल अपील दायर की गई थी। सभी के तर्क सुनने के बाद सक्षम न्यायालय ने इसे भी खारिज कर प्रकरण में नाबालिग को डिफॉल्ट बेल पाने का हकदार नहीं माना। आनन्द पुरोहित/ 15 जून 2025