- वैश्विक बाजार का रुख और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर भी निवेशक नजर रखेंगे मुंबई (ईएमएस)। इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार की दिशा ईरान-इजरायल संघर्ष, ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों, मुद्रास्फीति के आंकड़ों और अमेरिकी केंद्रीय बैंक के ब्याज दर पर निर्णय से तय होगी। विश्लेषकों ने कहा है कि शुल्क से जुड़ी खबरें भी स्थानीय शेयर बाजार की चाल को प्रभावित कर सकती है। वैश्विक बाजार का रुख और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर भी निवेशक नजर रखेंगे। पिछले सप्ताह शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला और भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के बीच बाजार नुकसान के साथ बंद हुआ। बाजार में जोखिम से बचने की भावना दिखाई दी। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और आपूर्ति में अड़चन की आशंका से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। बाजार के जानकारों ने कहा कि इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बाद भारतीय शेयर बाजारों का रुख वैश्विक बाजारों से तय होने की संभावना है। बाजार में निराशा देखने को मिल सकती है, जिससे निवेशक जोखिम वाली संपत्तियों से दूरी बना सकते हैं। इसके अलावा कारोबारी बुधवार को फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय से पहले सतर्कता बरतेंगे। जापान और ब्रिटेन के केंद्रीय बैंक भी अपनी ब्याज दरों की अलग-अलग घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा कि आगे की ओर देखें तो ऊंचे मूल्यांकन और भू-राजनीतिक जोखिमों के बीच निवेशक सतर्कता बरतेंगे। अब सभी की नजरें आगामी फेडरल रिजर्व की बैठक पर है। भविष्य के नीतिगत संकेतों के लिए फेडरल रिजर्व की टिप्पणी और आर्थिक अनुमान पर सभी की नजर रहेगी। बाजार के एक अन्य जानकार कहते हैं कि आगामी दिनों में भू-राजनीतिक अनिश्चितता और केंद्रीय बैंक की महत्वपूर्ण बैठकों के बीच बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की आशंका है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आगामी नीतिगत निर्णय पर कड़ी नजर रखी जाएगी। घरेलू मोर्चे पर मानसून की प्रगति, कच्चे तेल की कीमतों के रुझान, थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों और एफआईआई की गतिविधियों पर सभी का ध्यान रहेगा। कुल मिलाकर, हम उम्मीद करते हैं कि कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण बाजार में सुस्ती बनी रहेगी, जबकि उद्योग आधारित खबरों से विभिन्न क्षेत्रों की गतिविधियां प्रभावित होंगी। सतीश मोरे/15जून ---